झारखंड में सियासी हलचल, बचेगी सोरेन सरकार या बनेगी कोई और सरकार

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यूपीए के विधायकों को छत्तीसगढ़ में शिफ्ट करने की तैयारी

  • झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद कहीं विधायकों की तोड़फोड़ शुरू नहीं हो जाए इस डर से झामुमो और कांग्रेस के विधायक सुरक्षित ठिकाने के लिए निकल सकते हैं। महागठबंधन की ओर से इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।

रांची। झारखंड में बदलते राजनीतिक हालात के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के विधायक किसी भी वक्त सुरक्षित ठिकानों के लिए निकल सकते हैं। माना जा रहा है कि यह विधायक पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ निकल सकते हैं, जिसे राजनीतिक दृष्टिकोण से दोनों दलों के लिए सुरक्षित माना जा रहा है। सत्ताधारी गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं जो मंत्री जी हैं। उनको लेकर कोई संशय नहीं, फिर भी उनके छत्तीसगढ़ जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सत्ताधारी गठबंधन की तैयारियों के अनुसार सरकार को खतरे से बाहर निकालने की कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग से निर्णय जारी होने के साथ ही यह विधायक झारखंड से बाहर निकल जाएंगे। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, उनके विधायक भी तैयारियों के साथ राजधानी रांची पहुंचे हैं। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऐसी किसी संभावना से इन्कार कर रहे हैं।
दीपिका पांडेय की गाड़ी में अटैची और पानी के बोतल
दरअसल, हुआ कि मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करते समय कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय की गाड़ी की डिक्की खुल गई। इसमें अटैची और पानी के ढेर सारे बोलत देखे गए। मीडिया वालों ने विधायक से इसके बारे में पूछताछ करनी शुरू कर दी। इसपर विधायक दीपिका पांडेय नाराज भी हो गई। इसके बाद यह सूचना आने लगी कि कांग्रेस और झामुमो के विधायकों को पूरी तैयारी के साथ मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया है। चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद इन विधायकों को जरूरत पड़ने पर छत्तीसगढ़ ले जाया जा सकता है।
कल निशिकांत ने किया था दावा, आलमगीर कर रहे खंडन
मालूम हो कि शुक्रवार को भाजपा सांसद डा निशिकांत दुबे ने टवीट कर कहा था कि झामुमो और कांग्रेस के विधायक छत्तीसगढ़ पहुंचाए जा रहे हैं। लेकिन देर शाम तक ऐसी कोई कवायद हेमंत सोरेन की ओर से नहीं देखी गई। रात को मुख्यमंत्री आवास पर सभी विधायक भोजन के लिए पहुंचे। उनकी बैठक भी होती रही। आज शनिवार सुबह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने भी दावा किया कि कोई विधायक कहीं नहीं जा रहा है। सभी विधायकों को रांची में रहने के लिए कहा गया है। बाहर ले जाने संबंधित अफवाह के कारण सभी दोनों पार्टी के नेता परेशान हैं। अब देखना यह है कि आलमगीर आलम की बात में कितनी सच्चाई है। चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास में खड़ी हैं दो बसें
उधर, खबर आ रही कि मुख्यमंत्री आवास में दो बसें मंगाई गई हैं। इन्हीं बसों से इन विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ जाने की तैयारी की गई है। हालांकि इस बारे में मुख्यमंत्री आवास का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति कुछ नहीं बोल रहा है। विधायकों ने भी खामोशी की चादर ओढ़ ली है। मुख्यमंत्री आवास में एक साथ दो बसें देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा कि झामुमो और कांग्रेस के विधायक बाहर भेजे जाने की तैयारी चल रही है।
कांग्रेस ने रात में बुलाई विधायक दल की बैठक
उधर, आज शनिवार की रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस प्रभारी शाम 7.50 बजे दिल्ली से रांची पहुंच रहे हैं। कांग्रेस अपने विधायकों को सहेजने की कवायद में लगी है। तीन विधायकों की कहानी सामने आने के बाद कांग्रेस ज्यादा अलर्ट मोड में है।
विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत छत्तीसगढ़ रवाना
अब सूचना आ रही कि कांग्रेस और झामुमो के सभी विधायकों को दो बसों में लादकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। इस बस में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सवार बताए जा रहे हैं। जिस बस में मुख्यमंत्री सवार हैं वह पीले रंग की है। दूसरी बस का रंग ब्लू है।

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