राजस्व बढाने का हथियार बनी पुलिस, चालान काटने का विरोध शुरू

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान

मौदहा हमीरपुर।अधिक से अधिक राजस्व वसूली के चलते अधिक से अधिक गाडिय़ों का चालान करने के पुलिस के रवैये का अब खुलकर विरोध होना शुरू हो गया है,जबकि पुलिस कर्मी न चाहते हुए भी अधिकारियों के आदेश का पालन कर रहे हैं।कस्बे में जगह जगह पुलिस द्वारा गाडिय़ों की चेकिंग करने के साथ ही हेलमेट और कागजात के नामपर खडी गाडिय़ों के चालान करने से जहां आमजन परेशान हैं तो वहीं वकील की गाड़ी का चालान करने से आक्रोशित वकीलों ने पुलिस वाले को बिना हेलमेट के रोक लिया इतना ही नहीं तहसील गेट पर ताला लगाकर अपना विरोध जताया और कानून का सभी के लिए पालन करने की मांग की।
यातायात माह नवंबर के चलते जगह जगह पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग अभियान चलाकर हेलमेट और कागजात के नामपर बाईकर्स के भारी भारी आनलाईन चालान करने के मामले में आमजन परेशान हैं।क्योंकि खेती किसानी के सीजन में किसान खाद,बीज सहित अन्य कृषि के सामान लेने तथा आमजन दवा या अन्य आवश्यक काम से निकलने के साथ ही इनकी गाडिय़ों का चालान पुलिस द्वारा कर दिया जाता है।इतना ही नहीं रविवार को कस्बे में एक वकील की गाडी का पुलिस द्वारा आनलाईन चालान कर दिया गया जिसके बाद सोमवार को तहसील खुलते ही वकीलों में आक्रोश फैल गया।और उसी समय एक पुलिस कर्मी बिना हेलमेट के तहसील पहुंच गया।फिर क्या था इस छोटी सी घटना ने आग में घी डालने का काम किया और वकीलों ने पुलिस को रोककर गाडी के कागजात और हेलमेट की जांच की मांग शुरू कर दी।और इसी के साथ ही वकीलों ने तहसील गेट पर ताला लगाकर सभी के लिए समान कानून का पालन करने की मांग की।वहीं कोतवाली प्रभारी हेमंत मिश्रा ने बताया कि इस मामले में वह नहीं गए हैं जबकि इंस्पेक्टर क्राइम तौसीफ अहमद गए थे जो अभी सो रहे हैं इस लिए वह कुछ नहीं कह सकते हैं।
बताते चलें कि सरकार द्वारा अधिक से अधिक राजस्व वसूली के चलते पुलिस को गाडिय़ों की न चाहते हुए भी चेकिंग कर चालान करने पड़ रहे हैं।इस मामले में नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ पुलिस कर्मियों के साथ उपनिरीक्षकों ने अपना दर्द बयान करते हुए बताया कि खेती किसानी की सीजन चल रहा है और वह भी किसानों के घरों से आते हैं और जानते हैं कि किसानों को दिनरात दौडना पड़ता है ऐसे में हमेशा हेलमेट और कागजात लेकर चलना सम्भव नहीं है।और हम उनके चालान नहीं करना चाहते लेकिन अधिकारियों के दबाव के चलते हमें अधिक से अधिक चालान करने पडते है।

 

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