क्रांतिकारी सरदार अली खान शहीद स्मारक का मामला
शहीदों की चिंताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशां होगा।” यहां मेला तो दूर शहीद के शहादत स्थल और उसकी मज़ार का कोई पुरसाने हाल नहीं। देश भले ही आज़ाद हो गया हो लेकिन अंग्रेज़ी मानसिकता की गुलामी से आज़ादी नही मिल पायी है।
मामला गोरखपुर कोतवाली थाना परिसर से सटे क्रांतिकारी सरदार अली खान शहीद स्मारक का है।
स्मारक के विकास के लिए पूर्व महापौर सत्या पाण्डेय से लेकर इतिहासकार डॉ0 के0 के0 पाण्डेय और तमाम समाजिक संगठनों के संघर्ष का नतीजा था कि अब इस शहीद स्थल के संरक्षण और विकास के लिए नगर निगम ने बकायदा कार्ययोजना बनाकर बजट का आवंटन कर दिया था। काम भी शुरू हो चुका था लेकिन सूत्रों की माने तो कोतवाली पुलिस ने काम रोक दिया है।
फिलहाल मामले में अभी तमाम अधिकारियों से लेकर समाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया आना बाकी है, जिसके आधार पर यह तय होगा कि आखिर अपने ही देश में ये शहीद बेगाने से क्यों हैं और इनके स्मारक की वर्तमान दुर्दशा का ज़िम्मेदार कौन है और क्यों शहीद स्मारक का काम रोक दिया गया।
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