नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को कहा कि गांवों में लोग मनरेगा के तहत काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं, लेकिन प्रधानमंत्री कांग्रेस की आलोचना करके चुनावी राज्यों में अपनी कमियों को छिपा रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परीक्षा पेपर लीक, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की आलोचना करने के एक दिन बाद आई है। पीएम ने कहा था कि कांग्रेस को राजस्थान के लोगों की नहीं, केवल अपने वोट बैंक की परवाह है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री जितना चाहें कांग्रेस की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन उन्हें गरीबों का अधिकार नहीं छीनना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि घटती आय और बढ़ती महंगाई की वजह से गरीब रोजगार के अवसरों की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं, जबकि मनरेगा की मांग बढ़ गई है और इसका बजट भी काफी कम हो गया है।
खरगे ने एक्स पर लिखा, “ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट इतना गहरा है कि सितंबर में मनरेगा की डिमांड 4 वर्षों में 30 फीसदी बढ़ गई है। प्रधानमंत्री जी, इस बारे में कुछ करने के बजाय अपनी विकराल विफलताओं को भाषण तले छिपाने के लिए, चुनावी राज्यों में कांग्रेस को कोस रहें हैं।”
उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “बेतहाशा घटती घरेलू आमदनी और महंगाई की मार से करोड़ों लोग मनरेगा में काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। हालत ये है कि मनरेगा के बजट का केवल 4 फीसदी फंड ही बचा है। देश को याद है कि बजट 2023 में मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में 33 फीसदी कटौती की थी, जिसका परिणाम गरीब परिवार भुगत रहें हैं, विपक्ष शासित राज्यों का फंड भी बकाया है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस को जितना चाहे बुरा-भला कहिए, गरीबों का अधिकार मत छीनिए।