नई दिल्ली. (New Delhi) राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी (PM Modi ) ने आज राज्य सभा में विपक्षी सांसदों पर अपने अंदाज में जमकर निशाना साधा| उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश अब आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में हर किसी का ध्यान देश के लिए कुछ करने के लिए होना चाहिए. पीएम मोदी (PM Modi ) ने इस मौके पर मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) की कविता भी पढ़ी. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों से देश का मनोबल न गिराने की अपील की|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा, ‘मैं जब अवसरों की चर्चा करता हूं तो मुझे मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) की कविता याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा है, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल… ‘ ये मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) ने कहा था. लेकिन मैं सोच रहा था कि इस कालखंड में, 21वीं सदी के आरंभ में अगर उन्हें लिखना होता तो क्या लिखते?”
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) की कविता की तर्ज पर पर कहा, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास (Confidence ) से भरा पड़ा है, हर बाधा, (Obstacle) हर बंदिश (Restraint )को तोड़, भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..’
पीएम मोदी (PM Modi) ने ये भी कहा कि विरोध करने के लिए कितने मुद्दे है, विरोध करने भी चाहिए. लेकिन ऐसी बातों में ना उलझे जिससे देश का मनोबल नीचा होता है इससे किसी का लाभ नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है. भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण (Narrow) है, न स्वार्थी (Selfish) है, न आक्रामक (Aggressive) है. ये सत्यम, शिवम, सुंदरम (Satyam, Shivam, Sundaram )मूलों से प्रेरित है|
अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind )को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने विपक्षी दलों पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा, ‘अच्छा होता कि अगर सभी सदस्य राष्ट्रपति जी का भाषण सुन पाते, लेकिन फिर भी राष्ट्रपति जी का अभिभाषण इतना शक्तिशाली था कि लोगों तक पहुंच गया|