अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. राज्यसभा से कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आज़ाद की विदाई के वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काफी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आज़ाद जब मुख्यमंत्री थे तब मैं भी मुख्यमंत्री था. हम दोनों में काफी निकटता रही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उस दिन को याद किया जब गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पहला फोन गुलाम नबी आज़ाद का आया था. उनके आंसू रुक नहीं रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा कि उस हमले के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने गुजरात के लोगों की उस तरह से फ़िक्र की जैसे परिवार का कोई सदस्य फ़िक्र करता है. प्रणब मुखर्जी उन दिनों रक्षामंत्री थे. मैंने कहा कि मृत शरीरों को गुजरात लाने के लिए सेना का जहाज मिल जाता तो… गुलाम नबी आज़ाद ने बीच में ही बात काटकर कहा कि चिंता मत करें, मैं व्यवस्था कर रहा हूँ.
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलाम नबी आज़ाद ऐसे सांसद थे जो संसद में अपने दल की तरह से अपने देश की भी फ़िक्र करते थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए गुलाम नबी आज़ाद का काम कभी बंद नहीं होगा. मैं उन्हें सैल्यूट करता हूँ.
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प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने गुलाम नबी आज़ाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज़ और नादिर अहमद चारों के योगदान की सराहना करते हुए भावभीनी विदाई दी.