पीएम मोदी ने आपदा जोखिम में कमी के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर दिया जोर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच के तीसरे सत्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने आपदा जोखिम में कमी के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में तुर्किए और सीरिया में भारतीय दल के प्रयासों को पूरी दुनिया ने सराहा है। ये बात हर भारतीयों के लिए गौरव का विषय है।
लोगों की जिंदगी बचाने में मिली मदद
प्रधानमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव से जुड़े मानव संसाधन और तकनीकी क्षमता को भारत ने जिस तरह बढ़ाया है, उससे देश में भी अलग-अलग आपदा के समय बहुत सारे लोगों की जिंदगी बचाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, आप सभी दूसरों की जान बचाने में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। मैं आज सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार से सम्मानित संस्थानों के सभी संबद्ध मानव संसाधनों को बधाई देता हूं।
ओडिशा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा, ओडिशा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी विभिन्न आपदाओं के दौरान बेहतरीन काम करती रही है। मिजोरम के लुंगलेई फायर स्टेशन ने जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए अथक परिश्रम किया। मैं इन संस्थानों में काम करने वाले सभी साथियों को बधाई देता हूं।
मान्यता और सुधार जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे लोकल कंस्ट्रक्शन मटीरियल हो, या फिर कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, इसको हमें आज की जरूरत, आज की टेक्नॉलॉजी से समृद्ध करना है। डिजास्टर मैनेजमेंट को मजबूत करने के लिए मान्यता और सुधार बहुत जरूरी है।
आपदा प्रबंधन शासन प्रणाली को मजबूत करना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि हमें शहरी स्थानीय निकायों में आपदा प्रबंधन शासन को मजबूत करना होगा। शहरी स्थानीय निकाय आपदा आने पर ही प्रतिक्रिया देंगे- यह अब काम नहीं करेगा। हमें योजना को संस्थागत बनाना होगा और हमें स्थानीय योजना की समीक्षा करनी होगी।
नई गाइडलाइन बनानी होगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन बनानी होगी। इसके लिए हमें दो स्तर पर काम करना होगा। पहला- डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सपट्र्स को लोकल पार्टिसिपेशन पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। दूसरा- हमें आपदाओं से जुड़ें खतरों से लोगों को जागरूक करना होगा।
दो दिवसीय एनपीडीआरआर सत्र का विषय बदलती जलवायु में स्थानीय लचीलापन का निर्माण है। एनपीडीआरआर में केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों, सांसदों, स्थानीय स्वशासन के प्रमुखों, विशिष्ट आपदा प्रबंधन एजेंसियों के प्रमुखों, शिक्षाविदों, निजी क्षेत्र के संगठनों, मीडिया और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों सहित 1,000 से अधिक विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।

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