पीएम मोदी ने 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस का किया उद्घाटन

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 संभव; साइंस में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई
पीएम मोदी ने 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस को किया संबोधित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के जरिए 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को संबोधित किया है। पांच दिवसीय सत्र राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया है।108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। आईएससी का पिछला संस्करण जनवरी 2020 में बेंगलुरु में हुआ था। तो वहीं यदि इसके पहले सत्र की बात करें तो आईएससी का पहला सत्र 1914 में आयोजित किया गया था।
पीएम मोदी आगे बोले- टेक्नोलॉजी से बड़ा बदलाव संभव है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं। स्टार्टअप में भारत टॉप-3 पर है। महिलाएं भी आगे आकर इसमें हिस्सा ले रही हैं। हर क्षेत्र की तरह साइंस में भी महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है।
कार्यक्रम का सब्जेक्ट- साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विद वुमन एंपावरमेंट रखा गया। इसका आयोजन तुकोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी में हुआ। तुकोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी इस साल शताब्दी समारोह मना रही है। इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।
साल 2023 में आयोजित किए गए 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस की एक अनूठी पहचान चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस है। इसका आयोजन बच्चों को उनके वैज्ञानिक स्वभाव और ज्ञान का उपयोग करने के लिए किया गया है। इसके साथ ही वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से उनकी रचनात्मकता को साकार करने का अवसर दिया जाता है।
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस सत्र में ‘किसान विज्ञान कांग्रेस’ पर चर्चा होगी जो जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार करने और युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस सत्र में ‘आदिवासी विज्ञान कांग्रेस’ भी शामिल किया गया है, जो आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करती है। इसके साथ ही स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणालियों और अभ्यास के वैज्ञानिक प्रदर्शन के लिए भी एक मंच प्रदान किया गया है।
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस सत्र में अंतरिक्ष, रक्षा, आईटी और चिकित्सा अनुसंधान सहित विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रमुख भारतीय और विदेशी शोधकर्ता, विशेषज्ञ और टेक्नोक्रेट शामिल हुए हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को दिखाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक लेक्चर देंगी।
एक विशेष मेगा एक्सपो कार्यक्रम प्राइड ऑफ इंडिया देश भर से सरकार, कॉर्पोरेट, सार्वजनिक उपक्रमों, शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और उद्यमियों की ताकत और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा।
पीएम मोदी बोले- देश ने 8 सालों में असाधारण काम किए
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 8 सालों में गवर्नेंस से लेकर इकोनॉमी तक कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है। 8 सालों में एक्सट्रा मोरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और साइंस भी आगे बढ़ रही है।
लैब से निकलकर जमीन तक पहुंचें कोशिश
प्रधानमंत्री ने आगे ने कहा कि साइंस की कोशिश बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं, जब वो लैब से निकलकर लैंड तक पहुंचे। जब उसका इफेक्ट ग्लोबल से लेकर ग्रासरूट तक हो। जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो। जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की साइंस भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली होनी चाहिए।
2 साल बाद हुआ आयोजन
यह कार्यक्रम दो साल बाद आयोजित किया गया। इससे पहले 2020 में बेंगलुरु में यह इवेंट किया गया था। कोविड-19 की वजह से इसे दो साल के लिए इसे टाल दिया गया था। ये पहला मौका है, जब पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग क्षेत्रों के टॉप साइंटिस्टों के समागम में हिस्सा नहीं लिया। बता दें कि इंडियन साइंस कांग्रेस पहला सेशन 1914 में किया गया था। तब से यह हर साल आयोजित किया जाता है।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा
मंगलवार को हुए इस इवेंट में भाग लेने वाले मेंबर एजुकेशन, रिसर्च और इंडस्ट्री में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। साइंस कांग्रेस में शामिल होने वाले सदस्य साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के तरीकों के साथ ही एजुकेशन में उनके समान स्तर, रिसर्च के मौके और इकोनॉमिक पार्टनरशिप को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई।
महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के इस वर्ष के का विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित है। इस दौरान महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों की समावेशी भागीदारी के साथ सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने और समग्र विकास, समीक्षा की गई अर्थव्यवस्थाओं और स्थायी लक्ष्यों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में ये नेता हुए शामिल
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में कई प्रमुख नेता शामिल हुए थे। जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल और महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के चांसलर, भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय मंत्री और आरटीएमएनयू शताब्दी समारोह की सलाहकार समिति के अध्यक्ष, नितिन गडकरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए थे। इसके साथ ही राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुभाष आर. चौधरी, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए), कोलकाता के महासचिव डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना मौजूद रहे थे।

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