कोलकाता। शुक्रवार की दोपहर कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक बुलाई गई। इस बैठक में गंगा और उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी वर्चुअल मोड में कर रहे हैं। दरअसल, पीएम मोदी इसमें शामिल होने वाले थे लेकिन सुबह उनके मां के देहांत के कारण वो वर्चुअली ही इस बैठक में शामिल हो पाए।
बता दें कि शुक्रवार तड़के पीएम मोदी की मां हीराबा का निधन हो गया है, लेकिन फिर भी मोदी वीडियो कांफ्रें सिंग के जरिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं, इस दौरान ममता बनर्जी ने हीराबा के निधन पर शोक जताया है। ममता बनर्जी ने कहा कि मां से बढ़कर कुछ भी नहीं है। प्रधानमंत्री जी आज आपके लिए बहुत दुखद दिन है। मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी कि आपको यह दुख सहन करने की क्षमता दें। मैं आपसे अनुरोध करूंगी कि आप इस कार्यक्रम को छोटा रखें, क्योंकि आप अभी अपनी मां के अंतिम संस्कार से आए हैं।
कई परियोजनाओं की सौगात देने के बाद पीएम ने अपना संबोधन भी दिया। मोदी ने कहा कि बंगाल की पुण्य धरती को आज मेरे लिए नमन करने का अवसर है। बंगाल के कण-कण में आजादी का इतिहास समाया हुआ है। जिस धरती से वंदे मातरम का जयघोष हुआ, वहां से वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई गई। मोदी ने कहा कि आज इतिहास में 30 दिसंबर की तारीख का बड़ा महत्व है। 30 दिसंबर 1943 में नेताजी सुभाष ने अंडमान में तिरंगा फहराकर भारत की आजादी का बिगुल फूंका था। इस घटना के 75 वर्ष होने पर साल 2018 में मैं अंडमान गया था और नेताजी के नाम पर एक द्वीप का नामकरण भी किया था।
मोदी ने कोलकाता में नवनिर्मित जोका-तारातला मेट्रो लाइन का उद्घाटन भी किया। जोका, ठाकुरपुकुर, सखेर बाजार, बेहाला चौरास्ता, बेहाला बाजार और तारातला जैसे 6 स्टेशनों वाले 6.5 किलोमीटर के खंड के निर्माण में 2475 करोड़ की लागत आई है।
पीएम ने इस दौरान राज्य में चार और रेल परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इनमें बोइंची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, डानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन, निमतिता-न्यू फरक्का डबल लाइन और अम्बारी फालाकाटा-न्यू मयनागुड़ी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना शामिल है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 335 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किए जाने वाले न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की भी आधारशिला रखी।
पीएम मोदी कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। गंगा और उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा के लिए ये बैठक होगी। ये बैठक भारतीय नौसेना के मुख्यालय आइएनएस नेताजी सुभाष में आयोजित होगी। बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के साथ संबंधित विभागों के केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय गंगा परिषद के सदस्य राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
बैठक में गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर संचालित परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा गंगा नदी के पानी की शुद्धता का ब्योरा लिया जाएगा। साथ ही गंगा की धारा को निर्मल और अविरल बनाने का संकल्प दुहराया जाएगा।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री हुए शामिल
कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित भारतीय नौसेना के बेस आइएनएन नेताजी सुभाष में बैठक का आयोजन किया गया है। इस उच्च स्तरीय परिषद की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद हैं। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे हैं। हालांकि, सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी कि वे बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। फिलहाल, नीतीश कुमार की जगह बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ संबंधित विभागों के केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय गंगा परिषद के सदस्य आमंत्रित किए गए हैं।
कई रिपोर्ट किए जाएंगे पेश
एनजीसी की बैठक में गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर संचालित परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। गंगा नदी के पानी की शुद्धता का ब्योरा लिया जाएगा और साथ ही गंगा की धारा को निर्मल और अविरल बनाने का संकल्प को दोहराया जाएगा। समीक्षा बैठक में गंगा के उद्गम स्थल से लेकर गंगा के बंगाल की खाड़ी में विलीन होने तक की धारा के पानी की परीक्षण रिपोर्ट रखी जाएगी। गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को कम करने में केंद्र के साथ राज्यों के सहयोग का ब्योरा रखा जाएगा। बता दें कि इससे पहले 2019 में परिषद की पहली बैठक का आयोजन कानपुर में किया गया था।
पीएम ने कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक की शुरुआत में वर्चुअल माध्यम से बंगाल की सात प्रमुख सीवरेज की इंफ्र ास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया। इसमें 20 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 612 किलोमीटर लंबाई में विकसित सीवर नेटवर्क शामिल है। इसे नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत विकसित किया गया है। इस परियोजना पर कुल 990 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस परियोजना का लाभ नवद्वीप, काचरापारा, हालिशहर, बजबज, बैरकपुर, चंदननगर, बंसबेरिया, उत्तरपारा, कोटरंग, बैद्यबाटी, भद्रेश्वर, नैहाटी, गारुलिया, टीटागढ़ और पानीहाटी को मिलेगा। इस परियोजना के तैयार हो जाने से प्रतिदिन 200 मिलियन लीटर सीवेज का ट्रीटमेंट हो सकेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने पांच प्रमुख सीवरेज इंफ्र ास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास किया, जिसमें आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 80 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क विकसित किया जाएगा। इसपर कुल 1,585 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे कुल 190 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता बढ़ जाएगी। इस दौरान पीएम ने बंगाल में स्वच्छता और जल संशोधन से संबंधित कई और परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसमें डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर एंड
सैनिटेशन का उद्घाटन भी शामिल है।
मोदी ने कहा- निजी कारणों से आपके बीच नहीं आ पाया
मोदी ने कहा- बंगाल की पुण्य धरती को नमन। निजी कारणों से आपके बीच नहीं आ पाया। इसके लिए क्षमा मांगता हूं। रेलवे और मेट्रो के साथ कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ है। वंदे भारत ट्रेन के लिए आप सबको बधाई। कुछ देर बाद गंगाजी की स्वच्छता और पीने के पानी से जुड़ी परियोजनाएं पश्चिम बंगाल को सौंपने का अवसर मिलेगा।
ममता ने बंगाल के लोगों की तरफ से प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहा
कार्यक्रम में शामिल हुईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से कहा- माननीय प्रधानमंत्री जी, मैं आपकी आभारी हूं कि आपको यहां आना था, लेकिन अपनी माताजी के निधन के चलते आप नहीं आ पाए, फिर भी आप वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम से जुड़े। पश्चिम बंगाल के सभी लोगों की तरफ से मैं आपको धन्यवाद देना चाहूंगी कि आपने वंदे भारत ट्रेन यहां लॉन्च की।
न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के रीडेवलपमेंट की शुरुआत की
मोदी बंगाल में नॉर्थ ईस्ट फ्रं टियर रेलवे के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के रीडेवलपमेंट की शुरुआत की। यहां 334.72 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह काम 2025 तक पूरा किया जाना है।
स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 7 सीवरेज प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री 990 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सात सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन प्रोजेक्ट्स से पश्चिम बंगाल में 200 एमएलडी से ज्यादा की सीवेज ट्रीटमेंट कैपेसिटी को बढ़ाएगी। इसके साथ ही 1585 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत विकसित किए जाने वाली 5 सीवरेज प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी गई। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी-राष्ट्रीय जल और स्वच्छता संस्थान का उद्घाटन हुआ, जिसे लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड के जोका में विकसित किया गया है।