अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। पसमांदा मुस्लिम समाज का अपने भाषण में बार बार जिक्र करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस समाज का मान बढ़ाया है। अब समय है कि यह समाज अपने असली हितैषी को जाने समझे और हिस्सेदारी के आधार पर बढ़ चढ़ कर साथ दे। कम से कम आजादी के बाद से अब तक वोटबैंक बनाकर ठगतेत आ रहे दलों से बचना तो बहुत जरूरी है।
यह बात आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने पसमांदा जागरूकता अभियान के तहत आज हैदरगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम मियां का पुरवा में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कही। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि पसमांदा समाज इतिहास के पन्ने पलट कर देख ले कि कब उन्हें कांग्रेस सपा बसपा जैसे दलों में महज वोटबैंक के अलावा किसी मोर्चे पर आगे बढ़ाया हो इसके उलट भाजपा व केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री पसमांदा समाज को साथ लेकर चलने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के खिलाफ बने गठबंधन में वह सारे दल हैं जो अपनी अपनी जातियों को सत्ता रहते फायदा पहुंचाने के लिए बदनाम हैं। बसपा ने दलितों को, सपा ने यादवो को कांग्रेस ने अशराफ मुसलमान को तरजीह दी, किसी के एजेंडे में पसमांदा मुसलमान नही रहा जिसकी सामाजिक स्थिति दलितों से भी बदतर बताई जा चुकी है और जिस 85 फीसदी समाज ने इन सभी दलों को सत्ता की दहलीज तक पहुंचाया। बस यही आस बंधी रही कि इस सहयोग के एवज में यह दल पसमांदा मुसलमान के लिए कुछ करेंगे कुछ सोंचेंगे पर आजादी के बाद से अब तक पसमांदा मुस्लिम समाज का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल होता रहा। किसी ने इस समाज के हक व बुनियादी सुविधाओं का ख्याल नही किया।
उन्होंने कहा कि आज जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पसमांदा मुस्लिम की बात की, उसे साथ जोड़ने की पहल की, पार्टी ने भी कदम आगे बढ़ाया तो दूसरे दलों में आग लग गई, अब सब पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे, इंडिया नामक मोर्चा भी बना डाला।
इस प्रोग्राम के आयोजक श्री मकसूद अहमद सलमानी रहे, जबकि अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष हाजी नुरूल हसन ने की। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी रिजवान राइन जिला अध्यक्ष नसरुद्दीन अंसारी आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे।