पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार, लखनऊ की ओर से आज जीएसटी और अर्थव्यवस्था में सुधार विषय पर एक वेबीनर का आयोजन किया गया । वेबीनर मे बड़ी संख्या मे पत्रकारो, विद्यार्थियों तथा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
जीएसटी विभाग के सहायक आयुक्त तुषार नारायण ने कहा कि जिस तरीके से जीएसटी के संग्रह में अक्टूबर के महीने में बढ़ोतरी हुई है , वह एक बहुत ही शुभ संकेत है और इससे लगता है कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा । उन्होंने कहा कि नवंबर महीने में जीएसटी के संग्रह में और भी बढ़त की उम्मीद है। लेखाकार विनीत राठी ने कहा कि त्यौहार सीजन एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है । वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार सिद्धार्थ बंसल ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि जीएसटी बढ़ने का मतलब है कि बाजार में मांग बढ़ी है और जब मांग बढ़ी है तो उससे आपूर्ति बढ़ेगी, यानि उत्पादन में वृद्धि होगी । एक तरीके से भारत आर्थिक विकास के मामले में फरवरी के स्तर पर आ गया है । नवंबर में इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारी वाहनों की खरीद में 13.7% का इजाफा हुआ है । जब अर्थव्यवस्था विकास की ओर आगे बढ़ती है तभी लोग भारी वाहनों पर खर्च करते हैं इसी तरीके से विनिर्माण क्षेत्र में तथा रियल एस्टेट क्षेत्र में भी सुधार हुआ है । रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं । जमीनी तौर पर जायजा लेने के लिए बाजार में जाया जाए तो भीड़ दिखाई देना शुरू हो गयी है । अर्थव्यवस्था में सुधार का एक और बहुत बड़ा संकेत हैं कि कारपोरेट क्षेत्र में जो तनख्वाह कम हो गई थी वह आज बढ़ना शुरू हो गई है कारपोरेट ने अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के बाद इतना बड़ा निर्णय लिया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो0 एम0 के0 अग्रवाल ने कहा कि अग्रवाल ने कहा जीएसटी अर्थव्यवस्था की स्थिति जानने का बड़ा संकेतक है । अग्रवाल ने कहा कि अप्रैल महीने में जीएसटी संग्रह ₹32 हजार करोड़ रूपये का था । अभी भी कई ऐसे सेक्टर हैं जिनका योगदान जीएसटी में नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्यटन और शिक्षा दो ऐसे बड़े सेक्टर है जो अभी भी बंद है जो अभी भी बंद है और जीएसटी कलेक्शन में नहीं है । सेवा क्षेत्र अभी भी सुस्ती से ग्रस्त है। कुल मिला कर के फिर भी जून में 9 हजार करोड़ रूपये का जीएसटी आना बड़ी बात है जीएसटी संग्रह बढ़कर एक लाख पाँच हजार करोड़ रूपये से भी ज्यादा हो गया। आपदा से नहीं घबराता और दूसरा सरकार ने जो पैकेज दिया है उसका असर दिख रहा है । प्रवासी मजदूरों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मजदूर वापस आ रहे हैं उससे लग रहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है । प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी के साथ ही साथ आयकर कार्पोरेटर कर और बिजली की खपत बढ़ी है । इसका बढ़ना मल्टीप्लायर इफेक्ट के रूप में है जिसका अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा । बहुत ज्यादा उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था जीरो से ऊपर आ जाए ।
पत्र सूचना कार्यालय के अपर महानिदेशक श्री आर0 पी0 सरोज ने अध्यक्षता की और अतिथियों का स्वागत किया । सरोज ने कहा कि जीएसटी में शानदार संग्रह उत्साह जनक है, और इससे विकास को बल मिलेगा । उपनिदेशक डॉ श्रीकांत श्रीवास्तव ने वेबीनर का संचालन किया । उन्होंने कहा कि जीएसटी में बढ़ोतरी के दूरगामी परिणाम दिख रहे हैं और यह इस बात का सबूत है कि देश की अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति जनित मंदी का असर नहीं है ।