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करोड़ों का बजट, मुख्यमंत्री का शहर, सड़क पर बच्चे का जन्म, जिम्मेदार कौन ?
सीएचसी से रेफर हुई गर्भवती महिला ने रोड के किनारे दिया बच्चे को जन्म
भटहट सीएचसी से लगातार मिल रही शिकायत के बाद भी सीएमओ मौन
अवधनामा ब्यूरो
गोरखपुर/भटहट। सरकार बदल गई लेकिन अधिकारियों की मानसिकता अब तक नहीं बदली प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कोशिशों को मुख्यमंत्री के जिले पर तैनात स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी ही पलीता लगाने में जुटे हैं। इस समय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का पूरा ध्यान साफ सफाई, रंगाई पुताई व दवाओं की खरीद के साथ अन्य मदों के लिए उपलब्ध बजट के शत प्रतिशत दोहन में लगा है और उन्हें किसी मर्ज़ व मरीज़ से कोई वास्ता नहीं।
आपने एक फिल्म देखी होगी उस फिल्म का नाम है आज का अर्जुन फिल्म मे आप ने देखा होगा कि एक महिला जो हीरो कि बहन है। वह रोड के किनारे एक बच्चे को जन्म देती है। उस महिला को कुछ महिलाऐ घेरकर चारो तरफ से चादर से परदा कर देती हैं। और महिला एवं उसका बच्चा सही सलामत रहते है। उसी तरह का एक दृश्य भटहट सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र से सौ कदम कि दुरी पर पटेल स्मारक इन्टर कालेज के सामने मेन रोड के किनारे देखने को मिला । बताते चले कि क्षेत्र के जगंल डुमरी नम्बर दो के खपड़हवां के जित्तन पटेल कि पत्नी कमलावती देवी 28 वर्ष को बुधवार रात से ही प्रसव पीड़ा शुरू हुई रात बीतने के बाद सुबह गुरूवार को परिजनो ने क्षेत्र कि आशा को इसकी सूचना दी । सुचना पाकर आशा सन्ध्या निषाद मौके पर पहुची ।आनन फानन में परिजनो ने एम्बुलेन्स सेवा 102 को फोन किया मौके पर पहुची एम्बुलेन्स ने परिजनो कि मदद से प्रसव पीडित महिला को सीएचसी भटहट पहुचाया जहां डाक्टर ने महिला कि हालत देखकर बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। साथ मे गई आशा एवं परिजनो के विनती के बाद भी महिला को भर्ती नही किया गया। खास बात यह रही कि महिला को रेफर तो कर दिया गया लेकिन उसको एम्बुलेन्स मोहईया नही कराई गई और प्रसव से पीडित महिला पैदल ही परिजनो के साथ साधन कि तलाश में मेन रोड तक पहुची और वह चौराहे कि तरफ जाने लगी कुछ कदम चलने के बाद उसको प्रसव पीड़ा शुरू हुई आैर वही रोड के किनारे लेट गई यह देखकर परिजनो और कुछ आसपास कि महिलाओं ने महिला को चारो तरफ से पर्दा किया। इसी बीच महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। मुख्यमंत्री के शहर में स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपया खर्च किए जाने के बाद भी इस तरह सड़क पर किसी महिला द्वारा बच्चे को जन्म देना जिले की स्वस्थ सेवा के मुंह पर एक करारा तमाचा है ।
वहीं इस घटना की खबर जब सीएचसी पहुची तो स्वास्थ महकमे में हड़कम्प मच गया। आनन फानन में पहुची एम्बुलेन्स से महिला को लादकर दुबारा सीएचसी लाया और तब जाकर डाक्टर ने महिला को भर्ती किया। यहीं नही लोगो का आक्रोश देखकर यहाँ से रेफर हुई दुसरी महिला को भर्ती कर लिया गया। अतरौलिया कि कौशल्या देवी (30 वर्ष) पत्नी प्यारेलाल प्रसव पीड़ा लेकर सीएचसी पहुची थी। डाक्टरो ने चेकप के बाद कौशल्या देवी को भी बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया था। जिस समय रेफर किया गया था उसी समय रेफर हुई दुसरी महिला ने रोड के किनारे एक बच्चे को जन्म दिया। वहां पर मौजूद लोगो का आक्रोश देखकर आनन फानन में डाक्टर ने रेफर कौशल्या देवी को भी भर्ती कर लिया और कौशल्या देवी की भी नारमल डिलेवरी हुई। उसने भी एक बच्चे को जन्म दिया। मरीजो ने बताया कि सुबह से खाने पीने कि कोई चीज नही मिली। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुविधा के नाम पर मरीजो को आऐ दिन यहाँ भटकना पड़ता होगा। इस सीएचसी पर लापरवाही का ही नतीजा था कि 17 अप्रेल को नसबन्दी के बाद मरीज को फर्श पर लेटे देखा गया था जिसकी शिकायत सीएमओ से की गई थी लेकिन उसका यहां अभी तक कोई असर नहीं दिख रहा है।