अवधनामा संवाददाता
पीड़ित की बहन अधिवक्ता ने सीएमएस से की लिखित शिकायत
अयोध्या। प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भले ही जनता के स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है जो गरीब जनता से अधिक कोई और नहीं जानता दिन हो या फिर रात अगर गरीब असहाय अपना इलाज करने जिला चिकित्सालय अयोध्या आता है तो उसे अपनी जेब ढीली करना ही पड़ेगा। जिसका एक उदाहरण सोमवार मंगलवार की रात में सामने आया जहां सड़क हादसे का शिकार थाना इनायत नगर के हल्ले द्वारिकापुर निवासी विशाल काफ़ी जख़्मी हो गया जिसे स्थानीय लोगो की मदद से जिला चिकित्सालय लाया गया और फोन के जरिये परिजनों को युवक के घायल होने की सूचना दी गयी। जिस पर जिला चिकित्सालय पहुंचे युवक के पिता को ड्यूटी पर तैनात फार्मासिस्ट ने एक पर्ची उनके हाथ में थमा दी और कहां यह सब दवा बाहर मेडिकल स्टोर से लें आइए वहीं मरता क्या ना करता परिजन युवक की हालत देखते हुए दवा लेने मेडिकल स्टोर चले गये जहां उन्हें सभी दवाओं का मूल्य 1680 रुपए का भुगतान किया। जबकि उक्त सभी दवा कमीशन युक्त निकली जिनकी शायद उक्त मरीज कोई आवश्यकता ही नहीं थी लेकिन कमीशन के चक्कर में उक्त दवा जबरन फार्मासिस्ट द्वारा लिखी गयी। वहीं ड्यूटी पर तैनात ईएमओ डॉ० वीरेंद्र कुमार का कहना हैं कि मेरे द्वारा ऐसे किसी भी मरीज को कोई दवा बाहर से नहीं लिखी गयी। वहीं घायल युवक कि एक बहन जो लखनऊ हाईकोर्ट में अधिवक्ता है उन्हें हुई तो अधिवक्ता रूबी मिश्रा ने इसकी मौखिक शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ० सीबीएन त्रिपाठी से फोन पर बताई जिस पर उन्होंने लिखित रुप से शिकायत करने को कहां पीड़ित कि अधिवक्ता बहन ने मामले कि लिखित शिकायत कार्यालय में लिपिक को देते हुये उसकी एक प्रति कार्यालय के बाहर लगी शिकायत पेटीका में भी डाल दी है। इस पर अधिवक्ता रूबी ने बताया कि अगर न्याय नहीं मिला तो मैं ऊपर के अधिकारीगण और स्वास्थ्य मंत्री तक फरियाद करूंगी। प्रकरण में डॉ० त्रिपाठी ने बताया कि बाहर से दवा लिखने कि लिखित शिकायत मिली है इस पर जांच कमेटी बना कर पहले मामले कि जांच करूंगा अगर उक्त प्रकारण में कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके विरोध विभागीय अथवा दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी ।