अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज : प्रयागराज के अटाला और करेली में शुक्रवार को हुए पथराव के बाद इस घटना के कथित मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद के करेली स्थित मकान के ध्वस्तीकरण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) और जिला प्रशासन ने रविवार को जावेद उर्फ पंप के दो मंजिला मकान को ध्वस्त कर दिया था. जिला अधिवक्ता मंच के पांच अधिवक्ताओं की ओर इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई पत्र याचिका में दावा किया गया है कि पीडीए ने जिस मकान को ध्वस्त किया है, वास्तव में उस मकान का स्वामी जावेद नहीं है, बल्कि उसकी पत्नी परवीन फातिमा है.
क्या है पूरा मामला?
याचिका में बताया गया है कि उक्त मकान को परवीन फातिमा की शादी से पहले उनके माता पिता ने उन्हें उपहार में दिया था. चूंकि जावेद का उस मकान और जमीन पर कोई स्वामित्व नहीं है, इसलिए उस मकान का ध्वस्तीकरण कानून के मूल सिद्धांत के खिलाफ है. इसमें यह दावा भी किया गया है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को सही ठहराने के लिए पीडीए ने 11 जून को परवीन फातिमा के मकान पर एक नोटिस चस्पा कर दिया और उसमें पूर्व की तारीख पर कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने का उल्लेख किया गया. यह नोटिस ना तो जावेद और ना ही उनकी पत्नी परवीन फातिमा को कभी प्राप्त हुआ.
याचिका के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता जावेद को 10 जून की रात गिरफ्तार किया गया और 11 जून को खुल्दाबाद थाना में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस याचिका के साथ परवीन फातिमा के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज और 11 जून, 2022 की तारीख को मकान पर चस्पा किए गए ध्वस्तीकरण नोटिस को संलग्न किया गया है. याचिका दायर करने वाले अधिवक्ताओं में के के राय, मोहम्मद सईद सिद्दीकी, राजवेंद्र सिंह, प्रबल प्रताप, नजमुस्सकिब खान और रवींद्र सिंह शामिल हैं.
मकान की कीमत पांच करोड़
उल्लेखनीय है कि रविवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया था कि ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस ने जावेद के मकान की तलाशी ली थी, जिसमें कई आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं. इनमें 12 बोर का एक अवैध तमंचा, 315 बोर का एक अवैध तमंचा और कई कारतूस शामिल हैं. इसके अलावा, कुछ कागजात बरामद हुए हैं जिनमें माननीय न्यायालय पर तल्ख और आपत्तिजनक टिप्पणी जावेद द्वारा की गई है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि तलाशी के दौरान कई साहित्य, किताबें भी मिलीं जिनकी पड़ताल की जाएगी. ध्वस्त किए गए मकान की अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपये है जिसे नियम के अनुसार ध्वस्त किया गया.
जावेद के मकान पर चस्पा किए गए नोटिस के मुताबिक जावेद का मकान पीडीए से नक्शा पास कराए बगैर बनाया गया था जिसके लिए उसे 10 मई, 2022 को नोटिस जारी कर 24 को अपना पक्ष रखने के लिये कहा गया था. निर्धारित तिथि पर जावेद या फिर उनका वकील नहीं आया और ना ही कोई अभिलेख प्रस्तुत किया गया, इसलिए 25 मई को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया.