स्थाई लोक अदालत गरीब मजलुमो के लिए वरदान साबित हो रहा:-   मो.अली

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अवधनामा संवाददाता 

सोनभद्र/ब्यूरो –देश मे बढ़ते हुए मुकदमो के बोंझ को कम करने के लिए माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के द्वारा हर जिले में स्थाई लोक अदालत की स्थापना की गयी है। इसके तहत सोनभद्र जिले में स्थाई लोक अदालत में कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई जा रही जनउपयोगी सेवाओ को लेकर हुए विवाद के निपटारे के लिए स्थाई लोक अदालत(permanent Lok Adalat) जरूरतमन्दों, वंचितों,तक उनके अधिकार सहित योजनाएं का लाभ दिलाने के लिए संकल्पित है।
      वही स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन श्री मो.अली ने बताया कि जनपद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां पर शिक्षा का स्तर का व्यापक अभाव पाया जाता है ऐसे में लोगो को उनके अधिकारों व सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नही मिल पाया है ऐसे कोई भी व्यक्ति स्वम बिना किसी खर्चे के  स्थाई लोक अदालत में अपने वादों का त्वरित निस्तारण के लिए आवेदन दे सकता जाहे वह चिकित्सा सम्बन्धित , चाहे व बिजली सम्बन्धित हो चाहे वह बीमा सम्बन्धित  हो चाहे वह बैंक व परिवहन या फिर डाक सम्बन्धित हो इन वादों का निस्तारण त्वरित गति से निःशुल्क किया जाता है, साथ ही इस अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किया जाता है और इस अदालत में वादों के निस्तारण से धन और समय दोनों की बचत होती है, साथ ही कीसी भी पक्षकारों की न तो जीत होती न ही हार होती है।
 अतः आम जनमानस से अपील है कि छोटे मोटे वादों के लिए जनपद न्यायालय के एडीआर भवन में स्थित स्थाई लोक अदालत में वादों के त्वरित निस्तारण के लिए मा.स्थाई लोक अदालत में दाखिल करे,
वही मा.स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन  मो.अली ने बताया कि यह अदालत एंटीबायटिक की तरह काम करता है हम सब जनरल फिजिसियन की तरह होते है। बैकल्पिक वाद निस्तारण भवन में से संचालित हो रहा है इसमें एक चेयरमैन और दो सदस्य के रूप में कार्य करते है। गुण दोष के आधार पर दोनों पक्षो की सहमति से लिया गया निर्णय अंतिम होता है यानी इसके खिलाफ कोई अपील नही की जाती है।
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