अवधनामा संवाददाता
रामकोला रोड पर विदेश भेजने के नाम पर खुला है टेक्निकल इंस्टीच्यूट
विदेश न भेजने व बंद होने से नाराज लोगों ने कोतवाली पहुंच दी तहरीर
कुशीनगर। हांगकांग, दक्षिण अफ्रीका और उज्बेकिस्तान भेजने के नाम पर ठगी का शिकार हुए करीब 100 की संख्या में युवक और उनके परिजन पडरौना कोतवाली पहुंचे। पुलिस को बताया कि शहर से सटे रामकोला रोड पर एक टेक्निकल इंस्टीच्यूट के नाम पर कार्यालय खोलकर विदेश भेजने वालों के चंगुल में फंसकर कुशीनगर सहित गोरखपुर, बलिया, देवरिया, बिहार तक के करीब 100 लोग 60-70 लाख रुपये गंवा चुके हैं। जिस कार्यालय के पते से उन्हें रसीद काटी गई थी, वह कार्यालय भी बंद मिला। रुपये लेने वाले लोग अपना कार्यालय बंद कर भाग चुके हैं। सूचना पर पुलिस उस स्थान पर पहुंची, जहां यह कार्यालय संचालित हो रहा था। वहां इंस्टीच्यूट में ताला बंद होने के कारण मकान मालिक को थाने लेकर बुलाया गया है।
पडरौना कोतवाली में गोरखपुर के उरुवा बाजार से आए बृजभूषण सिंह ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका भेजने के लिए उनसे 30 हजार, अंकित सिंह से 30 हजार और नरेंद्र प्रजापति से 20 हजार रुपये, गोरखपुर के झंगहा निवासी शैलेश कुमार से 45 हजार रुपये, उरुवा के गोविंद यादव से 40 हजार रुपये, महराजगंंज जनपद के परतावल निवासी प्रदीप प्रजापति को हांगकांग भेजने के लिए 40 हजार रुपये लिए थे। बिहार के गोपालगंज जिले के राजापुर गांव से आए अच्छे पटेल ने बताया कि उजबेकिस्तान भेजने के नाम पर उनसे 40 हजार, बलिया जिले के बांसडीह निवासी कमलेश कुमार से 40 हजार रुपये, बलिया जिले के रसड़ा निवासी दुर्गेश चौहान से 40 हजार रुपये लिए हैं। देवरिया जिले के तरकुलवा निवासी घनश्याम शर्मा से उजबेकिस्तान भेजने के लिए 45 हजार रुपये, ज्ञानशंकर शर्मा से 43 हजार रुपये, अभिनंदन कुमार से 43 हजार रुपये, विनोद कुमार गोंड से 43 हजार रुपये, अर्जुन प्रसाद से 43 हजार रुपये एवं इसी गांव के चार अन्य युवकों से भी 43 हजार रुपये प्रति व्यक्ति लिया है। पडरौना कोतवाली पहुंचे इन युवकों में से घनश्याम शर्मा के भाई राधेश्याम शर्मा ने बताया कि उनके भाई मुंबई में अपने 10 अन्य साथियों के साथ फंसे हुए हैंं। वहीं बृजभूषण सिंह ने बताया कि उनके साथ के उरुवा निवासी गोविंद यादव फ्लाइट टिकट कैंसिल करा दिए जाने के कारण दिल्ली से वापस लौट रहे हैं।
पडरौना के कोतवाल सुशील शुक्ला ने बताया कि अभी इन लोगों की तरफ से कोई लिखित तहरीर नहीं मिली है। मामला संज्ञान में है। जहां कार्यालय संचालित हो रहा था, वहां पुलिस भेजी गई थी। विदेश भेजने वालों में कोई नहीं मिला। मकान मालिक को पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया गया है। जांच चल रही है।
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