बदलते मौसम में बारिश के चलते जहां एक ओर आम आदमी को गर्मी से राहत तो मिली वही बारिश होने से किसानों पर आफत टूट पड़ी। अनाज मंडियों में सरकारी खरीद के लिए आई धान की फसल की खरीद शुरू ना होने से पिछले एक सप्ताह से मंडियों में खुले में पडा धान पूरी तरह से भीग गया।
शुक्रवार सुबह से हो रही बारिश के चलते अनाज मंडी जगाधरी में खुले में पडी धान की फसल पूरी तरह से पानी-पानी हो गई। जिसके चलते किसानों के चेहरे मुरझा गए। किसानों ने इसको लेकर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए और नुकसान की मांग की। इस मौके पर गांव गड़ीबंजारा से आए किसान परमीत सिंह व सुनील का कहना है कि हमारे चार एकड़ की फसल यहां पर पिछले एक सप्ताह से बिकवाली के लिए आई पड़ी थी। लेकिन सरकार के द्वारा अभी तक खरीद शुरू न किए जाने से और मौसम के बदलते मिजाज से हमें लाखों रुपये का नुकसान हो गया है।
उन्होंने कहा कि जब 23 सितंबर से सरकारी खरीद शुरू करने का आदेश था तो फिर उस समय धान की खरीद शुरू क्यों नहीं की गई। जबकि किसानों के विरोध के और मंडियों में ताला लगाने की चेतावनी के बाद आज से धान की खरीद के सरकार द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए। लेकिन आज सुबह से हो रही बारिश के कारण ना तो कोई अधिकारी हमारी सुध लेने आया और ना ही खरीद शुरू हो सकी। जिसके चलते धान पूरी तरह से भीग गया और पानी में बह गया है। मार्केट कमेटी के सचिव विशाल गर्ग ने बताया कि सरकार द्वारा आज से खरीद किए जाने के आदेश पत्र जारी हो गए हैं। आज सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण खरीद नहीं हो सकी है। मौसम खुलते ही एक-दो दिन में यह सारी व्यवस्था ठीक होते ही मंडी से धान की सारी फसल खरीद कर इसका उठान कर लिया जाएगा।