बिना जांच किए पटहेरवा पुलिस करती है मामले का निस्तारण

0
67

 

अवधनामा संवाददाता

पुलिस के कार्य शैली पर उठ रहे है सवाल
चोरी की नीयत से दबंगो द्वारा गेहू काटने का मामला
कुशीनगर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां गुण्डे- माफियाओं पर नकेल कस भयमुक्त समाज बनाने के प्रयास में जुटे है वही कानून के रक्षक फर्जी एनकाउंटर की तरह अब चोरी व गुण्डागर्दी के मामलो मे अपने उच्चाधिकारियों को झूठी जांच रिपोर्ट देकर अपराध को बढावा देने मे लगे है। मामला जनपद के पटहेरवा थाना का है, जहा दबंगो द्वारा चोरी से गेहू की फसल काट ले जाने के बाद पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में उन दबंगो के हाथ खेत रेहन देने की बात कहकर मामले को निस्तारित कर दी है जिन्हे  पीड़ित ने आरोपी बनाया है। ऐसे सवाल उठना लाजमी है कि पुलिस की इस कार्यशैली से भयमुक्त समाज की परिकल्पना करना क्या संभव होगा।
क्या है मामला
पटहेरवा थाना क्षेत्र के काजीपुर निवासी शब्बर हसन ने बीते दिनों थानाध्यक्ष पटहेरवा को तहरीर दिया था जिससे उन्होंने कहा है कि उनके आराजी नम्बर 407 की फसली भूमि पर गेहू की फसल बोयी गयी जिसे कटने की वह तैयारी कर रहे थे। इसी दरम्यान गांव के रिंकू यादव पुत्र पौहारी यादव, उमेश यादव पुत्र इन्नर यादव, अभिषेक राय पुत्र अवधेश राय सहित अन्य गोल बनाकर 16 अप्रैल की शाम चोरी-छिपे खेत मे खडी गेहू की फसल काट ले गये जिसकी कीमत बीस हजार रुपये से अधिक है। पीडित ने अपने तहरीर मे यह भी कहा है कि अभिषेक राय के स्वजातिय एक सिपाही के दम पर ही रिंकू यादव, उमेश यादव व अभिषेक राय ने चोरी की नीयत से उनके खेत मे तैयार खडी गेहूं की फसल काट ले गये है। पीडित शब्बर हसन ने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियो के खिलाफ कार्रवाई करने एंव चोरी के नीयत से काटे गये गेहू वापस दिलाने की मांग की थी।
मामले का फर्जी निस्तारण
पीडित शब्बर हसन द्वारा दिये शिकायती पत्र संख्या 40018022006308 के संदर्भ मे पटहेरवा पुलिस ने जो रिपोर्ट लगाकर आईजीआरएस को निस्तारित दिखा रही है वह न सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल है। पटहेरवा पुलिस ने मामले का निस्तारित करते हुए लिखा है कि मौके पर जाकर जांच किया गया तो पाया गया कि शब्बर हसन पुत्र मंजुर हसन ने अपना खेत 23 कट्ठा आराजी नम्बर 111 विपक्षी अभिषेक राय पुत्र अवधेश राय साकिन परसौनी थाना पटहेरवा को दिनांक 23 अप्रैल-2022 को साढे चार लाख रुपये लेकर तीन वर्ष के लिए रेहन दिया है। पुलिस की इस फर्जी रिपोर्ट पर नजर दौडाये तो पीड़ित शब्बर हसन ने अपने तहरीर मे आराजी नम्बर 407 का उल्लेख किया है जबकि पटहेरवा पुलिस अपनी रिपोर्ट मे आरजी नम्बर 111 दिखा रही है। पुलिसिया मनगढ़ंत कहानी मे 23 अप्रैल-2022 को रेहन दिखाया गया है जबकि पीडित द्वारा घटना के दिन 16 अप्रैल की शाम को शिकायत किया है। अब सवाल यह उठता कि कि दबंग आरोपियों ने 16 अप्रैल को चोरी की नीयत से शब्बर हसन के खेत से गेहू काट ले गये तो फिर 23 अप्रैल को रेहन देने और गेहू काटने का क्या मतलब है। इतना ही नही पटहेरवा पुलिस अपने रिपोर्ट मे जिस रिंकू यादव को रेहननाम का गवाह बनायी है वह इस मामले मे पहले ही आरोपी  है। पटहेरवा पुलिस की यह रिपोर्ट बंया कर रही है कि यहा की पुलिस भूमाफियाओ और अपराधियों को संरक्षण देकर अपराध को बढावा दे रही है।
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here