डिस्टैंसिंग मेंटेन करने का अनोखा तरीका निकाला है

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प्रयागराज। कोरोना के खिलाफ जंग में सोशल डिस्टेंसिंग एक बड़ा हथियार है. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों को जागरूक करने और इस पर सख्ती से अमल कराने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में सरकारी राशन की सप्लाई करने वाले एक दुकानदार ने जो फार्मूला निकाला है, वह न सिर्फ ख़ासा दिलचस्प है, बल्कि काफी कारगर भी साबित हो रहा है. दुकानदार ने सरकारी राशन पाने की खातिर लम्बी लाइन लगाने वालों के लिए छाता अनिवार्य कर दिया है. छाता सिर्फ साथ लाना ही नहीं है, बल्कि उसे सर पर लगाकर ही लाइन में खड़े होना है. छाते के ज़रिये कैसे होता है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यह आपको बताते हैं.
लॉकडाउन शुरू होने के बाद यूपी सरकार ने जब कार्डधारकों के लिए मुफ्त राशन का एलान किया तो सरकारी राशन की दुकानों पर ऐसी भीड़ उमड़ने लगी, जिससे न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रहीं, बल्कि हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को कई बार लाठियां भी पटकनी पड़ीं. मारामारी कुछ लोग करते थे और उसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता था. ऐसे में संगम नगरी प्रयागराज के राजापुर इलाके में सरकारी राशन की दुकान चलाने वाले वसीम अहमद ने एक अनूठा फार्मूला ईजाद किया. उन्होंने राशन लेने की खातिर आने वाले सभी कार्डधारकों के लिए छाता अनिवार्य कर दिया
वसीम ने यह तय कर दिया कि लाइन में सिर्फ उन्हीं लोगों को लगने की इजाज़त दी जाएगी, जो खुला छाता सर पर लगाकर खड़े होंगे. अपने इस फार्मूले के लिए उन्होंने इलाके की पुलिस को भी तैयार कर लिया. दरअसल छाता खुलने पर तकरीबन डेढ़ मीटर चौड़ाई की जगह लेता है. ऐसे में अगर राशन लेने दुकान आने वाले ग्राहक छाते के साथ लाइन में लगेंगे तो उनके बीच कम से कम दो मीटर की दूरी ज़रूर रहेगी और सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह कायम रहेगी. दुकानदार वसीम का यह दिलचस्प फार्मूला काफी कारगर साबित हो रहा है.
वसीम ने छाते के साथ ही मास्क भी ज़रूरी कर दिया है. लोग छाते और मास्क के साथ ही आएं और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करें, इसके लिए पुलिस भी तैनात रहती है. इसके अलावा दुकान के अंदर दाखिल होने वालों को पहले सेनेटाइजर देकर हाथ साफ़ करने को कहा जाता है. साथ ही अगले दिन बंटने वाले राशन के लिए एक रोज़ पहले ही टोकन भी बांट दिए जाते हैं. दुकानदार वसीम के मुताबिक़ छाते के साथ आने की वजह से कार्डधारकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहती है.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए प्रयागराज के दुकानदार वसीम का छाते वाला फार्मूला दिलचस्प तो है है, लेकिन साथ ही काफी कारगर भी साबित हो रहा है. रंग- बिरंगे और ट्रेडिशनल काले छातों के साथ एक बार में पचास-साठ लोग लाइन में लगे रहते हैं, लेकिन उनमे कोई मारामारी नहीं होती और साथ ही बयालीस-तैंतालीस डिग्री तापमान में लोग धूप से भी बचे रहते हैं. दुकानदार वसीम अहमद का दावा है कि पीएम मोदी बार बार जिस तरह दो गज की दूरी बनाए रखने के लिए देश को जागरूक कर रहे हैं, उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने यह अनूठा फार्मूला निकाला है.
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