120वीं शहादत दिवस पर याद किये गये बिरसा मुंडा

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प्रयागराज । शहीद बिरसा मुंडा के 120वीं शहादत दिवस कांटी गांव में मनाया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में शहीद बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर शुरू किया गया व नारे लगाए शहीद बिरसा मुंडा अमर रहे, उ०प्र० कोल आदिवासियों को जनजाति का दर्जा दो, वन अधिकार 2006 लागू करो, वन उत्पाद का अधिकार आदिवासियों को दो, संघर्षरत आदिवासियों पर दर्ज सभी केस वापस लो आदि वक्ताओं ने बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा अंग्रेजी कम्पनी श्रम-संसाधन लूटने व आदिवासियों की जीविका नष्ट कर उन पर कर्ज का बोझ लादा व सस्ते श्रम के रूप में काम करने को मजबूर किया। बिरसा मुंडा इस अंग्रेजी लूट के खिलाफ आदिवासियों को संगठित कर अंग्रेजो के खिलाफ बिगुल फूंका व अंग्रेजीराज की बुनियाद हिला दी थी। अन्त में अंग्रेजो ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और धीमा जहर देकर मार डाला, 25 वर्ष की अल्प आयु में शहीद हो गए। आगे कहा कि केंद्र व राज्य सरकार अदालतों का सहारा लेकर आदिवासियों को वन अधिकार कानून अमल करने के बजाय देश भर के आदिवासियों को वनो एवं वन उत्पात से वंचित कर उजाड़ रही है। सरकारे विदेशी कम्पनियों को आमंत्रित कर रही है उनके लिए सस्ते दर में जल, जंगल, जमीन उपलब्ध करा रही है,जिसको जनता का विकास बता रही है। इस मौके पर भीमलाल, सत्यप्रकाश, पारस कोल, राजीव, रामनारायण, संजय केहरी, विजय कोहली, रवी शंकर, उमेश, परमजीत, केशकली, सुशीला देवी, आशीष, अजय आदि लोग शामिल रहे। सभा की अध्यक्षता नरेंद्र कोल ने किया संचालन रामसागर कोल ने किया।

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