एस.एन.वर्मा
मो.7084669136
23 सितम्बर खेल के लिये अहम दिन रहा। जब क्रिकेट बैटर झूलन गोस्वामी इगलैन्ड के खिलाफ लन्दन में 50 ओवर का एक दिनी मैच खेलने के बाद खेल से सन्यास ले लिया। 39 साल के उम्र में वही लन्दन में ही टेनिस स्टार फेडरर और नडाल के जोड़ी ने लेवरर कप में टियाफो और जकसैक की जोड़ी के खिलाफ खेलने के बाद फेडरर ने खेल से सन्यास ले लिया। दोनो ने खेल अलग होने की घोषणा पहले ही कर दी थी।
झूलन जीत के साथ बिदाली जबकि फेडरर ने मैच हार कर बिदाली। झूलन ने 30 रन देकर दो वीकेट झटके। टीम ने झूलन के कन्धे पर बिठाकर नम आंखो से बिदाई दी। टास के लिये टीम कैप्टन हरमन उनका हाथ पकड़ फील्ड में अपने साथ ले गई। हरमन की आंखे उस समय आंसू से भारी थी। पर बिदाई की जुदाई जीत पर भारी पड़ रही थी। इस मैच में क्रिकेट नियमो में हुये बदलाव का फायदा उठाते दीप्रि शर्मा ने पहली बार चाली डीन को गेदबाजी के दौरान अपनी ही गेद पर रन आउट कर दिया। आखिरी बार अन्तरराष्ट्रीय मैच में बल्लेबाजी के लिये उतरी झूलन को दोनो टीमो ने गार्ड आफ आनर दिया। सिरीज तीन जीरो से जीत कर भारतीय महिला टीम ने झूलन को शानदार बिदाई दी। झूलन की हसरत वर्ल्ड कप जीतने की रही जो पूरी नही हो सकी। फिर भी अपने कैरियर से सन्तुष्ट दिखी। अब खिलाड़ियों के लिये और महिला क्रिकेट के लिये काम करने की इच्छा जताई।
शर्मा ने चाली डीन को 44वें ओवर के चौथी गेद पर नये नियम का फायदा उठाते हुये जब गोद अभी शर्मा के ही हाथ में थी चेरियट क्रीजक बाहर हो गई थी और शर्मा ने स्टम्प कर दिया। अम्पायर शायद उसे डेड बाल घोषित करने जा रहे थे। अपील में हरमन प्रीत कौर ने मिड आफ से चिल्लाकर साथ दिया।
फेडरर जब अपना डबल्स मैच खेलने के लिये उतरे तो उनका जोड़ीदार कोई और नही उनके चिर प्रतिद्वन्दी रफेल नडाल थे। नडाल के साथ फेडरर की कई साल कडी प्रतिद्वन्दिता रही। कई साल नम्बर एक पर रहे फेडरर ने अपना आखिरी मैच लन्दन में लेवर कप में डबल्स खेल कर पूरा किया। उनका चमकदार कैरियर किसी भी खिलाड़ी के लिये हसरत रहेगा। मैच खत्म होने पर फेडरर पहले अपने जोडीदार नडाल को फिर प्रतिद्वन्द्वी टिफ को और सैक को गले लगाया। उनकी रिटायरमेन्ट पार्टी में भावनाओं प्रशंसा, प्यार और आदर का ज्वार उठ रहा था। रफेल नडाल फेडरर का हाथ पकड़े आसूओं से तरबतर चिल्ला रहे थे। फेडरर अपने आसुआंे में डूब जा रहे थे। साथ ही दर्शक, खेल अधिकारी, पुराने प्रतिद्वन्द्वी, नये उभरते खिलाड़ी सभी आंसुओं के सैलाब में बह रहे थे।
इस दर्दनाक सीन से भारतीय क्रिकेटर कोहली भी अछूते नही रहे। इन्होंने इस की तस्वीर लेकर दिखाते हुये कैप्शन दिया खेल की सबसे खूबसूरत तस्वीर 1 फोटो टिवट करते हुये कहा किसने सोचा था कि प्रतिद्वन्द्वी भी एक दूसरे के लिये ऐसा महसूस कर सकते है। यही खेल की खूबसूरती है। मेरे लिये अब तक खेल की यह सबसे खूबसूरत तस्वीर है। आपके साथी खिलाडी जब आपके लिये रोते है तो आप समझ सकते है कि ईश्वर ने आपको यह प्रतिभा क्यों दी है।
फेडरर ने 2021 में खेला था अपना अखिरी सिगल्स मैच, 20 ग्रैन्ड स्लैम के साथ नडाल और जोकोपिच के बाद तीसरे स्थान पर सबसे सफल खिलाडी रहे। पिछले साल विम्बल्डन के क्वार्टर फाइनल में हार के बाद घुटने का आपरेशन करना पड़ा था। यह उनका आखिरी सिगल्स मैच रहा। उनका आखिरी खेल देखने के लिये उनके माता-पिता पत्नी मिरका ओर चारो बच्चे मौजूद थे। उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने बारी बारी से अपने पूरे परिवार को आलिंगन में लिया। इस तरह उनके शानदार खेल यात्रा का सफर तय हुआ।
उनके बचपन के रोल माडल और कोच स्टेफन एडबर्ग भी दर्शक दीर्धा में बैठे थे। उन्होंने ही आखिरी मैच के लिये सिक्का उछाला। टीम योरप के कैप्टन बजार्न बोर्ग और जान मैकरो कैप्टन ही हैसियत से अपना पार्ट अदा कर रहे थे। जिसके नाम पर यह प्रतियोगिता होती है वह राडलेवर भी उपस्थित थे। हार जीत का फैसला टाई ब्रेकर से हुआ जिसमें फेडरर और नडाल मैच हार गये।
नडाल ने मैच के बाद कहा जब रोजर जा रहे है तो मेरे शरीर का एक अहम हिस्सा भी साथ छोड़ रहा है। क्योंकि हर क्षण या तो हमारे बगल मेें रहे या सामने रहे हमारी जिन्दगी के अहम लम्हों में। हमारे कैरियर में किसी न किसी रूप में महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में रहे है। हमें गर्व है। जीवन में बाहर दोस्त की तरह रहे पर कोर्ट पर प्रतिद्वन्दी के रूप में रहे।
फेडरर ने बताया 10 दिन पहले ही नडाल को बता दिया था कि रिटायर होने जा रहा हॅॅ। दुनिया को दस दिन बाद बताया। यह भी बताया कि डबल्स साथ में खेलने जा रहा हैॅ। नडाल के आने के पहले फेडरर नम्बर एक पर थे। उस समय टेनिस में उनके समकक्ष कोई नही था। डीजोविक जो फेडरर के प्रतिद्वन्द्वी रहे कभी फेडरर के प्रति मुलायम नही रहे, चाहे फील्ड में हो, बाहर हो या प्रेस के सामने रहे हो। पर बिदाई मैच में दर्शको के साथ बैठे फेडरर को उत्साहित कर रहे थे। भीड़ जब कन्धे पर फेडरर उठाने के लिये उठी तो वह भी साथ हो लिये। भावनाओं का ऐसा ज्वार उठा कि उनकी आंखे से भी आंसू बह निकले। इस तरह फेडरर का आखिरी खेल सफर तय हुआ। झूलन और फेडरर दोनो को शुभमकामनायें।