नेपाल के उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रवि लामिछाने को संसदीय जांच समिति ने पत्र लिखकर बयान के लिए तलब किया है। लामिछाने की कंपनी पर सरकारी बैंकों के जरिए आर्थिक अनियमितता करने का आरोप है। संसदीय समिति इसी गोलमाल की जांच कर रही है।
समिति ने लामिछाने को एक हफ्ते के भीतर पेश होकर बयान दर्ज कराने को कहा है। संसदीय समिति के संयोजक सूर्य थापा ने कहा कि रवि लामिछाने को सभी दस्तावेजों सहित उपस्थित होने के लिए कहा गया है। समिति ने रवि लामिछाने की गोरखा मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में गलत तरीके से निवेश करने वाली नौ सहकारी कंपनियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। इतना ही नहीं रवि लामिछाने के नाम पर व्यक्तिगत ऋण देने वाले चार सहकारी बैंकों से भी दस्तावेज मांगे गए हैं।
गृहमंत्री रवि लामिछाने पर आरोप है कि उन्होंने अपने व्यवसायिक पार्टनर जीबी राई के साथ मिलकर गोरखा मीडिया नामक एक निजी कंपनी खोली। उसका मैनेजिंग डायरेक्टर रवि लामिछाने को बनाया गया। जीबी राई से संबद्ध चार सहकारी बैंकों ने रवि लामिछाने को गलत तरीके से करीब 2 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत लोन दिया । इसके अलावा नौ अन्य सहकारी कंपनियों से 100 करोड़ से अधिक का ऋण रवि लामिछाने की कंपनी में निवेश किया गया।
इस मसले पर लगातार दो महीने तक संसद की कार्यवाही अवरुद्ध रही। विपक्ष के आक्रामक रुख के बाद सरकार को सर्वदलीय संसदीय जांच समिति का गठन करना पड़ा। समिति को तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। यह घोटाला गृहमंत्री रवि के गले की फांस बन गया है। सुप्रीम कोर्ट में भी इसकी गूंज हुई है। जांच प्रभावित न हो, इसलिए उन्हें पदमुक्त करने की मांग की गई है।