अवधनामा संवाददाता
सीतापुर। जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा जयगुरुदेव महाराज के उत्तराधिकारी पंकज महाराज ने कटेसर में शाकाहार का संदेश दिया। वे 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा के तत्वावधान में 49वें पड़ाव पर पहुंचे हैैं। यहां आयोजित सत्संग कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि परमात्मा की असीम कृपा से हमें यह देव दुर्लभ मनुष्य शरीर मिला है।
उन्होंने कहा कि इसकी महिमा इसीलिये भी है कि इस शरीर में दोनों आंखों के मध्य भाग में उस प्रभु को देखने की एक आंख है। जिसे दिव्य दृष्टि, तीसरा नेत्र अथवा रूहानी आँख कहते हैं। उसी में वेदवाणी, आकाशवाणी,सुनने के लिये एक कान भी होता है। जिसके द्वारा आसमानी आवाजें सुनी जा सकती हैं। लेकिन हमारे गलत कर्मों के कारण वह आंख-कान बन्द हो गये। अब न हमको ऊपर का कुछ दिखाई पड़ता है और न ही सुनाई पड़ता है। इसके लिये किसी जगे हुये महात्मा, महापुरुष की तलाश करनी होगी। जिन्होंने साधना करके अपनी आंख व कान को खोल लिया हो। उन्हीं को पूरा गुरु, भेदी गुरु या फिर सन्त कहते हैं। इसीलिये समाज में यह प्रचलित है कि गुरु करै सो जानि के, पानी पिये सो छानि के, जब ऐसे सन्त महात्मा मिल जायेंगे तो कलयुग की सरल साधना का भेद देकर सुमिरन, ध्यान, भजन कराकर बन्द आंख को खोल देंगे। जब ऊपरी मण्डलों का दृश्य जीव देखता है तो बरबस बोल देता है कि ‘गुरु ने मोहिं दीनी अजब जड़ी’’ जब यह जीव ईश्वरीय जलवा देखता। इस अवसर पर जयगुरुदेव संगत लहरपुर के अध्यक्ष गोपी चन्द, आशाराम वर्मा, जगदीश प्रसाद वर्मा, अमित मिश्रा, पिंकू वर्मा, महताब सिंह, प्रधान कटेसर शेरा सिंह, मनोहर सिंह, सियाराम, श्रीकृष्ण यादव आदि मौजूद रहे।