Wednesday, December 17, 2025
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23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जी के जन्म कल्याणक पर निकाली पालकी

जैन समाज ने काशी में संग्रहालय बनाने की मांग की

बरेली। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जी का 2902 वां जन्म कल्याणक बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम से जैन धर्मावलंबियों ने मनाया। आज की शुभ तिथि पौष कृष्ण एकादशी को दो तीर्थंकरों भगवान श्री चंद्र प्रभु और भगवान श्री पार्श्वनाथ जी के जन्म और तप कल्याणक हैं। प्रातः काल की बेला में सर्वप्रथम जैन मंदिर रामपुर गार्डन में 1200 वर्ष प्राचीन भूगर्भ से प्राप्त भगवान पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा का अभिषेक स्वर्ण कलश व शांति धारा स्वर्ण झारी से श्रद्धालुओं ने की, कल्याण मंदिर विधान हुआ। उधर बिहारीपुर जैन मंदिर में आज के शुभ अवसर पर श्री पार्श्वनाथ विधान हुआ।

48 दीपों की आरती उपरांत बिहारीपुर जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ जी के भजनों की धुन के साथ सौधर्म इंद्र बने अनुयायियों ने अपने साथी इंद्रों के साथ पालकी यात्रा निकाल कर पांडु शीला पर ले जा कर भगवान का अभिषेक किया। पालकी यात्रा मंदिर जी से निकल कर कुतुबखाने चौराहे होते हुए, सब्जी मंडी, सिटी पोस्ट ऑफिस, चौपला रोड से मंदिर जी वापस पहुंची। पालकी यात्रा में पीत वस्त्रों से सज्जित महिलाएं कलश ले कर चल रही थी, भगवान के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा, भजनों की धुनों पर थिरकते श्रद्धालु भगवान की भक्ति में मगन दिखे।

मीडिया प्रभारी सौरभ जैन ने सरकार से मांग की कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में राजघाट, आशापुर व अन्य स्थानों से प्राप्त जैन तीर्थंकरों की विशाल प्रतिमाओं और अन्य पुरातत्व सामग्री को संग्रहालय बना कर भारत सहित विश्व से आने वाले पर्यटकों के सामने प्रदर्शित किया जाए, जिससे जैन ही नहीं अपितु भारतीय संस्कृति की प्राचीन धरोहरों से वो परिचित हो सकें। इस मांग के लिए विश्व जैन संगठन संघर्षशील है। उपमंत्री राजेश जैन ने कहा कि सरकार ने जैन सर्किट बना कर वाराणसी सहित जैन तीर्थों को जोड़ने की बात कही थी, वो सोच भी धरातल पर आने से अभी काफी दूर है, इसे भी पूरा करने की मांग जैन समाज करता है। महिलाओं ने जरा हल्का झोटा दीजो आदि भजनों के माध्यम से भगवान के प्रतिरूप को झूला झुलाया।

विधान व पालकी यात्रा में ट्रस्ट के अध्यक्ष वी.के. जैन, डॉ पी.के. जैन, धनंजय जैन, सतीश चंद जैन, सुमन कुमार जैन, सुमन जैन अरोड़ा, नीति जैन, रोहिणी जैन, सुधाकर जैन, ई. अनिल जैन, त्रिशला जैन, संजना जैन, राजीव जयपति, कृष्ण कुमार जैन, साधना जैन, विपिन जैन, भूपेंद्र जैन, राजेंद्र जैन, सुभाष जैन, अनिल जैन, चेतना जैन, मीनेश जैन, चेलना जैन, शालिनी जैन, राजरानी जैन, पूनम जैन, शैलेन्द्र जैन, विजयारानी जैन, रीति जैन, रूपाली जैन, कुसुम जैन, सुधीर मित्तल, अतुल जैन, नीलम जैन, संगीता जैन, सुनीता जैन, हेमा देसाई जैन, विकास जैन, कैंट बोर्ड की सी ई ओ की माता जी मंजू जैन, सोना जैन आदि उपस्थित रहे।

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