एस एन वर्मा
पाकिस्तान ने कहा भारत से तीन युद्ध लड़कर उसकी आर्थिक हालत खराब हो गई है। वह भारत से शान्ति वार्ता का इच्छुक है। पाकिस्तान की हालत इस समय बहुत खराब है। खाने के लाले पड़े है। आटा पर पुलिस का पहरा है कि लोग लूटपाट न करें। फिर शान्ति वार्ता की बात कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा पेश कर दिया। बातचीत के लिए इसका हल जरूरी है। फिर तो शान्ति वार्ता की पेशकश निरस्त हो जाती है। जब एक बार बटवारा हो चुका है।
कश्मीर का भारत के साथ विलय हो चुका है। फिर बार-बार कश्मीर राग अलापने का क्या मतलब भारत 370 लगाये या उठाये उसे क्या लेना देना। बातचीत में कश्मीर में 370 बहाल करने की भी लाल रख रहा है। कश्मीर से उसे कौन खजाना मिल जायेगा जो उसकी बदहाली दूर हो जायेगी। इसे अपने मुल्क के बारे में सोचना चाहिये, जनता की खुशहाली के बारे में सोचना चाहिये। भारत सही रूप से उसे मदद के लिये तैयार भी रहता है। पर पाक अल्टा पल्टी करता रहता है। शान्ती और दोस्ती की बात कर कश्मीर या अन्य कोई मुद्दा बना कर पलटता रहता है। अपना यहां आतकियांे का प्रशिक्षित कर अन्य आतंकियो को पनाह देकर सीमा पर कश्मीर में निरीह लोगो की हत्या कराता रहता है।
आर्थिक मदद के लिये भारत को छोड़ दूसरे देशों के सामने हाथ फैलाता रहता है। दूसरे देश अपने हित के शर्त पर उसे मदद करते है। कोई व्यापारिक कारिडोर बनाता है तो कोई अपना सैनिक अड्डा। कर्जदाता अपने हितों के लिये पाकिस्तान को उल्टी सीधी शर्तो में फंसाते रहते है। पाकिस्तान शासक जो सेना के हाथ के कठपुतली है इस तरह को हालात को अपने हित में पाते है। जनता बेहाल होती है वे इन पैसो केेेेेेेेेेेेेे बल पर ऐश करते है। यह वहां लियाकत अली के बाद से कायम है।
पाकिस्तान को याद करना चाहिये भारत और पाक साथ आजाद हुये थे आजाद होते ही पाक ने भारत पर युद्ध थोपना शुरू कर दिया। शास्त्री जी के जमाने में युद्ध के हालात से भारत में खाने की दिक्कत आ गयी थी पर भारत ने आत्मसम्मान नहीं बेचा। अमेरिका का पीएल 480 का वह गेहूं खाया जिसे अमेरिका बेकार समझ कर समुद्र में फेक दिया करता था। उस गेहूं को भी भारत ने दान में नहीं लिया व्यापारिक समझौता कर लिया। आज भारत दूसरे देशो को अनाज के साथ बहुत सी चीजेेेेेेेेेेे दे रहा है। इसलिये की देश के नेताओं को अपनी नहीं जनता और देश की चिन्ता थी। आज भारत दुनियां की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
पाकिस्तानी नेता अपनी खुशहाली और अपनी कुर्सी को ही सर्वोपरि मान बचाते रहे। खडयन्त्र हत्या, विद्रोह और तख्तापलट कराते रहे जो आजमी कायम है। विदेशी कर्ज मांग-मांग अपना खजाना भरते रहे और जनता सड़कों पर भूख से बेहाल है। खाने की मूूूूूूूूूूूूूूलभूत चीजे गायब है।
पाकिस्तान में जो शाशक अपनी नहीं देश की सोच कर पाकिस्तान को बदहाली से निकाल कर वहां की जनता को कम से कम भरपेट खाना मुहैया करायेगा। देश और जनता के हित को सोचकर काम करेगा उसके प्रति पाकिस्तान तो कृतज्ञ रहेगा ही देश दूसरे की जनता भी कृतज्ञ रहेगी। आधुनिक युग का इतिहास उसे स्वर्ण अक्षरो में स्थान देगा। मानवता उसे कभी भुला नहीं पायेगी। नहीं तो पाक हमेशा दूसरे देशो को मोहरा बनता रहेगा और कश्मीर का माला जपता रहेगा। सेना और शासक मौज करते रहेगंे।
अपने सकारात्क नीतियो से भारत ने यूएनओ में पाक के खिलाफ कूटनीतिक सफलता पाई है, इससेेेेेेेेेेेेे चीन को भी झटका लगा है। सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। चीन पाक में पला रहे आतंकियों को हमेशा बचता रहता है। जब भी उन्हें वैश्विक आतंकी करने का प्रस्ताव किया गया। उसने हमेशा वीटो कर प्रस्ताव को रोक दिया। इस बार सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य एकजुट हो गये तो चीन पास रोकने का कोई तरीका नहीं रह गया था।
यह घटना बताती है कि भारत पाक के साथ चीन को भी कूटनीति के मामले में मात दे अपने कुटनीति की धाक जमाई है। आज अन्तरराष्ट्रीय जनमत भारत के साथ है। भारत को पाक के साथ चीन के भी आतंकवाद के प्रति दोहरे रवैये को उजागर करते रहना चाहिये। पाक आतंकी भारत में हमेशा घुसपैठ कर हत्याये कर रहे है। दोनो ने चार पाकिस्तानियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची से बचाने के लिये अड़गा लगाये हुये है।
बरहाल भारत का इकबाल बुलन्द है। पाक अगर सचमुच भारत से शान्ति चाहता है तो कश्मीर रागबन्द कर, आतंकियो पर लगाम लगा कर भारत के साथ दोस्ती का हाथ थामे। भारत तो हमेशा उसे गले लगाने को तैयार है। हम कुर्बानी दे कर पाक की हालत सुधारने की कोशिश करेगे। पर उधर से भी तो इमानदार कोशिश हो। कभी हम एक थे आज क्या बन गये है। सिर्फ एक वजह से। हम बाहे फैलाये प्रतीक्षा कर रहे है। पाक अल्टा पल्टी छोड़े।