हेलिकॉप्टर पाने का ख्वाब रहा अधूरा अमेरिका ने दिया झटका पाकिस्तान का तुर्की अटैक

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Pakistan's Turkish attack shocked by incomplete America's dream of getting helicopter

 

 

वाशिंगटन (Washington) अमेरिका (America) ने पाकिस्तान (Pakistan ) और तुर्की (Turkey ) के बीच हुए हथियारों (weapons)  के समझौते पर दोनों देशों को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका (America ) ने तुर्की (Turkey ) में बने 30 लड़ाकू (fighter) हेलीकॉप्टरों (Helicopters ) की आपूर्ति (supply) पर रोक लगा दी है। तुर्की के राष्ट्रपति (President of turkey ) कार्यालय के प्रवक्ता इब्राहिम कालिन (Ibrahim Kalin ) ने इस रोक की पुष्टि की। उन्होंने कहा, पाकिस्तान (Pakistan) अब इस लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (Helicopters )  को चीन से खरीद सकता है।

दोनों देशों (countries) के बीच यह डील वर्ष 2018 में हुई थी। 1.5 बिलियन डॉलर (Billion dollars ) की इस डील के तहत पाकिस्तान (Pakistan) को तुर्की (Turkey ) में निर्मित 30 अटैक हेलीकॉप्टर (T129 Atak) देने थे। इस डील पर शुरुआत से ही पेंच फंसा (Screw stuck) हुआ था, लेकिन तुर्की (Turkey ) ने इसको नजरअंदाज (ignore) कर आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसमें उसको मुंह की खानी पड़ी। दरअसल, (Actually )इस हेलीकॉप्टर (Helicopters ) में इंजन समेत कुछ दूसरे जरूरी उपकरण (equipment ) अमेरिका (America ) में बने हैं। इन उपकरणों (Devices )और इंजन को बेचने का लाइसेंस तुर्की के पास नहीं है। तुर्की (Turkey ) ने ये जानते हुए भी पाकिस्तान (Pakistan)  से इस डील को आगे बढ़ाया। हालांकि इस बीच में तुर्की (Turkey ) ने अमेरिका (America ) में लाइसेंस हासिल करने की भी प्रक्रिया (process ) शुरू की थी, लेकिन अमेरिका (America )  के रक्षा मंत्रालय पेंटागन (Ministry of Defense Pentagon ) ने उसको लाइसेंस देने से साफ इनकार कर दिया।

अमेरिका (America) से मिली नाकामी (Failure ) के बाद अब तुर्की ने पाकिस्तान (Pakistan )से छह माह का समय मांगा है। इस बीच तुर्की (Turkey ) दोबारा लाइसेंस हासिल करने का प्रयास करेगा। बता दें कि इस डील में एक तथ्य (Fact ) यह भी है कि यदि तुर्की किसी तरह से पाकिस्तान (Pakistan) को हेलीकॉप्टर (Helicopter)  बेचने में नाकाम (Failure ) रहता है तो पाकिस्तान (Pakistan) यह हेलीकॉप्टर (Helicopter )  चीन से हासिल कर सकता है। पाकिस्तान (Pakistan) ने इसकी भी कोशिश की थी, लेकिन तुर्की (Turkey ) ने उसको ऐसा करने से रोक दिया था।

तुर्की (Turkey ) के शीर्ष अधिकारी इस्माइल डेमिर (Ismail Demir ) ने यूएस डिफेंस पब्लिकेशन (US Defense Publication ) को बताया है कि उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan)  से छह माह का और समय मांगा है। जनवरी 2020 में भी इसी तरह से हेलीकॉप्टर (Helicopter) देने के लिए तुर्की (Turkey ) ने एक वर्ष का समय पाकिस्तान (Pakistan)  से मांगा था। इस हेलीकॉप्टर (Helicopter ) को तुर्किश एयरोस्पेस इंडस्ट्री (Turkish Aerospace Industry )ने बनाया है। तुर्की (Turkey ) ने अमेरिकी पाबंदियों के तहत टीएआई की संबंधित कंपनी तुसास इंजन इंडस्ट्री को एक T129.हेलीकॉप्टर के लिए इंडीजीनियस इंजन डिजाइन करने को कहा है।

डिफेंस न्यूज ने अमेरिकी सांसदों (American lawmakers ) के हवाले से कहा है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि तुर्की से यह हेलीकॉप्टर (Helicopter ) मिल जाने से पाकिस्तान, (Pakistan) भारत के खिलाफ अपनी ग्राउंड अटैक क्षमता (Ground attack capability )को बढ़ा सकता है, जो अमेरिका (America)  और भारत (India) के बीच रक्षा संबंधों (Defense relations )के लिए सही नहीं होगी। चीन इस डील से पहले अपने बनाए CAIC Z-10 हेलीकॉप्टर गनशिप को पाकिस्तान (Pakistan) को ट्रायल के तौर पर दे चुका है। लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) इन हेलीकॉप्टरों  ((Helicopters) की परफॉर्मेंस से खुश नहीं हुआ और उसने लौटा दिए।

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