चित्रकला चरित्र का निर्माण करती है : अभय नारायण राय

0
530

अवधनामा संवाददाता

पेन्टिंग विद् ऑयल कलर्स विशिष्ट कला शिविर का भव्य शुभारम्भ

ललितपुर। सिद्धन रोड स्थित कला भवन में कलाविद् ओमप्रकाश बिरथरे द्वारा आयोजित विशिष्ट कला शिविर पेन्टिग विद् आयल कलर्स 26 मई से 23 जून 2024 तक का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अभय नारायण राय क्षेत्राधिकारी सदर पुलिस एवं अध्यक्षता कर रहीं आवकारी निरीक्षक अन्विता तिवारी एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल एवं माँ सरस्वती पूजन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय ने कहा मानव मस्तिष्क की क्षमता बहुत अधिक है। हम जो कुछ देखते है, सुनते हैं, अनुभव करते वह चित्र के रूप में मस्तिष्क में संग्रहीत होते रहे है, वहीं संस्कार बनकर हमारे चरित्र का निर्माण करते है। चित्रकार ब्रह्मा का स्वरूप है, जो नित्य नये सृजन को जन्म देता है। उन्होंने आज की पीढ़ी में धैर्य की कमी के कारण होने वाले अपराधों पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा इस तरह के शिविर आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक है, क्योंकि कला में धैर्य और संयम से ही चित्र का सृजन हो पाता है। चित्रकला चरित्र का निर्माण करती है। अध्यक्षता कर रही आवकारी निरीक्षक श्रीमती अम्बिका तिवारी ने कहा कि चित्रकला को ललित कलाओं में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। यह जीवन में होने वाले अवसाद से बचाता है। शिविर आयोजक ओमप्रकाश बिरथरे ने शिविर के विषय में बताते हुये कहा कि यह शिविर भारतीय चित्रकला के 6 आधारसूत्र – रूप भेद, प्रमाण भाव, लावण्य, सादृश, वर्णिका भंग पर आधारित है। इसमें तैल रंगों का प्रयोग करते हुये उत्कृष्ट कोटि के चित्रों का निर्माण होता है। यह शिविर एक सफल चित्रकार बनने में उपयोगी है एवं आजीविका के मार्ग प्रशस्त करता है। शिविर को डा.दीपक चौबे, इन्टैक ललितपुर चैप्टर संयोजक सन्तोष शर्मा, कवि रविन्द्र पाठक, कृष्णकांत सोनी, महावीर प्रसाद दीक्षित ने भी सम्बोधित किया। शिविर के प्रबन्धन में महेश प्रसाद बिरथरे, इंजी.शुभम बिरथरे का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रीति बिरथरे, संरक्षक संस्कार भारती गोविन्द नारायण व्यास, विनोद त्रिपाठी, प्रदीप रिछारिया, राजेन्द्र राठौर, अवधेश त्रिपाठी के अलावा 25 कला साधक उपस्थित रहे। संचालन ब्रजमोहन संज्ञा ने किया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here