Pahalgam Attack: हमले से एक घंटे पहले शुभम ने किया था फोन, तभी हुआ कुछ ऐसा कि दोस्‍त को सताने लगा अनहोनी का डर

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Pahalgam Attack पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के सीमेंट व्यापारी शुभम द्विवेदी की दुखद मृत्यु हो गई। वह परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। शुभम गोविंद नगर के सीमेंट व्यापारी सिमरजीत सिंह छाबड़ा के मित्र थे जो उन्हें बड़े भाई मानते थे। शुभम के असामयिक निधन से उनके परिवार और पड़ोसियों में शोक की लहर है।

‘गोविंद नगर निवासी सीमेंट व्यापारी सिमरजीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि शुभम वैसे तो मेरे व्यापारिक दोस्त थे। हम दोनों का ही सीमेंट का व्यापार है, लेेकिन वह बड़े भाई से कम नहीं थे। हमारे मार्ग दर्शक थे। वह फरवरी में उनकी शादी और एटहोम में बिठूर स्थित होटल में भी गए थे। उनका स्वभाव बहुत ही सरल थ। हर कोई उनसे बात करना चाहता था। इधर व्यापारिक कारणों से उनसे हर रोज बात हो रही थी।’

सोमवार शाम भी दो मिनट बात हुई तो उन्होंने बताया था कि वह शादी के बाद पहली बार परिवार संग पर्यटन स्थल पर जम्मू कश्मीर आए थे। 23 अप्रैल को घर लौटेंगे। इस पर उन्होंने कहा था कि आने पर वह जरूर मिलेंगे, लेकिन बातचीत करने का मन हुआ तो मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे फिर काल की, लेकिन फोन डिस्कनेक्ट कर हो गया। क्‍या पता था कि अब कभी शुभम भैया से बात नहीं हो पाएगी। करीब एक घंटे बाद उनकी मौत की खबर सुनकर मन बहुत दुखी हुआ।

जिस अपार्टमेंट में रहते थे शुभम, वहां पसरा सन्नाटा

कानपुर: सीमेंट व्यापारी संजय द्विवेदी वर्ष 2022 में परिवार संग श्याम नगर स्थित डीएम लैंड अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल के फ्लैट में रहने आए थे। मंगलवार शाम तक आतंकी हमले में उनके बेटे शुभम की मौत की जानकारी पूरे अपार्टमेंट के लोगोंं को मिल गई। रात में ड्यूटी पर पहुचे गार्ड राम सजीवन ने बताया कि दिन ड्यूटी पर लगे गार्ड जगमोहन ने जानकारी दी कि आतंकी हमले में शुभम साहब की मौत हो गई है।

मामला बहुत गंभीर है। रात में कोई भी संदिग्ध व्यक्ति आ सकता है। इसलिए नजर रखना और रजिस्टर में सबकी इंट्री करते रहना। रात में पूरे अपार्टमेंट में सन्नाटा भी पसरा रहा, लेकिन दिवंगत शुभम के चाचा ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी के घर पर लोगों का तांता लगा रहा। उनके बेटे सौरभ ने बताया कि शुभम भइया का व्यवहार इतना मधुर था कि हर कोई उनके पास रुककर कुछ देर बातें करता और सुनता था। वह लोगों को मोटीवेट करते थे।

“शुभम भइया बहुत अच्‍छे व्यवहार के थे। सभी से मुस्कराकर बात करते और हालचाल लेना कभी नहीं भूलते थे। उनकी शादी में भी गए थे। घटना के बाद से हमारा पूरा परिवार शुभम भइया के चाचा के घर के बाहर एकत्रित हुआ है। -अपूर्व, पड़ोसी

“घटना से बहुत दुखी हूं। शुभम परिवार का इकलौता बेटा था। मानो परिवार के बुढ़ापे की लाठी टूट गई हो। इस आतंकी घटना से पूरा परिवार बिखर गया है। सरकार को आतंकियों ने जो किया है। उनकी भाषा में जवाब देना चाहिए।- अनिल कुमार, पड़ोसी

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