अवधनामा संवाददाता
गोरखपुर(Gorakhpur)। नगर विकास विभाग की ओर से जारी लाइसेंस अनिवार्यता प्रस्ताव पर पान विक्रेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है। सोमवार को तम्बाकू सिगरेट बीड़ी पान मसाला व्यापार संघ के सदस्य नगर निगम प्रांगण में एकत्र हुए और महापौर सीताराम जायसवाल एवं नगर आयुक्त अविनाश सिंह को ज्ञापन दिया व लाइसेंस की अनिवार्यता सम्बन्धी प्रस्ताव वापस लेने की मांग की।
संगठन के सचिव मदन जायसवाल ने बताया कि शहर में 10 हज़ार से अधिक छोटे-बड़े व्यापारी हैं। जिनमें से पान विक्रेताओं को उत्पाद बेचने के लिए अलग से लाइसेंस अनिवार्य करने की बात कही गयी है। शासन के इस कदम से छोटे दुकानदारों की आजीविका पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और वे भुखमरी की कगार पर पहुँच जाएंगे। कोरोना महामारी ने इन छोटे दुकानदारों को पहले ही बुरी तरह तोड़ दिया है और वे किसी तरह दोबारा अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।
शासन के इस कदम से लाइसेंस राज की वापसी होगी और प्रवर्तन अधिकारियों के हाथों गरीब और कमजोर विक्रेताओं के उत्पीड़न के एक नया दौर शुरू हो जाएगा। समाज के अन्य वर्गों की तरह पान विक्रेताओं को भी सम्मान के साथ अपनी रोजी-रोटी कमाने का अधिकार है और इस अधिकार पर कोई भी आघात एक अमानवीय कदम होगा, वो भी तब जब कि कोरोना महामारी के चलते इन छोटे दुकानदारों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है।
ज्ञात हो कि 8 जून को नगर विकास विभाग की ओर से आदेश जारी हुआ था कि शहरी सीमा में तम्बाकू उत्पादों की बिकी के लिये नगर निगम प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।