अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों से संबंधित जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन श्री हंस शैक्षणिक एवं सेवा संस्थान द्वारा मुंशी रघुनंदन प्रसाद सरदार पटेल महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में किया गया।
सेमिनार कार्यक्रम का उद्घाटन राजेश कुमार सिंह सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बाराबंकी परिवहन डिपो ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए सभी की भागीदारी आवश्यक है। विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि हमारा युवा स्वयं जागरूक होकर समाज में जागरूकता प्रसारित करने में भी अपना सहयोग करेगा। उमाशंकर मिश्रा पीटीओ ने सड़क सुरक्षा माह के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम के महत्व के बारे में जानकारी दी। नंद कुमार यादव यातायात निरीक्षक ने सड़क के अपने वास्तविक अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कुछ समस्याएं बहुतायत रूप से देखने को मिलती हैं जिसमें शराब पीकर वाहन चलाना, दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग न करना, दुपहिया वाहन पर तीन सवारी चलना व सड़क पर फोन पर बात करते हुए सड़क पार करना या गाडी चलाना आदि हैं। ये सब अपराध की श्रेणी में आते हैं। केके तिवारी संरक्षक श्री हंस शैक्षणिक सेवा संस्थान ने कहा कि सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान का उद्देश्य सड़कों को सुरक्षित बनाना एवं सड़क दुर्घटना में होने वाली जीवन हानि को कम करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विद्यालयों में विभिन्न सेमिनार का आयोजन कर हम अपना सफल योगदान प्रदान कर रहे हैं। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ० ऊषा चौधरी ने कहा कि सड़क और शिक्षक वह दो माध्यम हैं जिनसे व्यक्ति अपनी मंजिल प्राप्त करता है। यह अपनी जगह रहकर भी चलने वाले को गन्तव्य तक पहुँचाते हैं। डॉ० आरती श्रीवास्तव, प्रवक्ता शिक्षाशास्त्र ने कहा कि सड़क सुरक्षा की जानकारी होने पर भी उनका अनुसरण करना सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है। संचालन करते हुए डॉ० रेणुका चौधरी, प्रवक्ता-भूगोल विभाग ने कहा कि मनुष्य का जीवन बहुमूल्य है वह बड़े भाग्य से प्राप्त होता है।
इस अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारीगण, सम्भागीय परिवहन अधिकारी एवं महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।