AMU हुनरमन्द विशेषज्ञों के प्रशिक्षण के विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग ने तेलंगाना लाइब्रेरी एसोसिएशन, हैदराबाद के सहयोग से पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान शिक्षा को आधुनिक युग के अनुरूप ढालने और हुनरमन्द विशेषज्ञों के प्रशिक्षण के विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया।
इस अवसर पर उद्घाटन भाषण देते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों में सुधार की हमेशा संभावना रहती है। आधुनिक समय में पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताएं पुराने समय से भिन्न हो चुकी हैं, इसलिए पुस्तकालयों को नए कौशल से युक्त विशेषज्ञों की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि सुश्री क्रिस्टाइन मैकेंजी (अध्यक्ष, इंटरनेशनल फेडरेशन आफ लाइब्रेरी एसोसिएशंस एंड इंस्टीट्यूट्स) ने आनलाइन सामग्री तक सार्वभौमिक पहुंच की चुनौती पर चर्चा करते हुए कहा कि विकासशील देशों में प्रशिक्षण और कनेक्टिविटी की समस्या के कारण दुनिया के 44 प्रतिशत लोगों तक सूचनाएं नहीं पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों के बेहतर भविष्य के लिए इंटरनेशनल फेडरेशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपसी सहयोग पर बल देता है।
प्रोफेसर एन लक्ष्मण राव (निदेशक, इंटरनेशनल वर्चुअल सम्मिट, तथा अध्यक्ष, तेलंगाना लाइब्रेरी एसोसिएशन) ने अपनी टिप्पणी में कहा कि विश्व भर के विशेषज्ञों से वर्चुअल माध्यम से लाभान्वित होना संभव है और यह सम्मेलन निश्चित रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।
प्रोफेसर निसार अहमद ख़ान (डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, एएमयू) ने आनलाईन सम्मेलन की उपयोगिता पर बात की, जबकि विभागाध्यक्ष डा० एम० मासूम रज़ा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रोफेसर नौशाद अली पीएम (समन्वयक, अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन) ने आभार व्यक्त करते हुए  बताया कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दुनिया भर से 1300 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र हुआ जिसमें भारत, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, कनाडा, फिलीपींस, बांग्लादेश के विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किये, जिनमें प्रोफेसर बी० शाड्रिच (सलाहकार,  कामनवेल्थ आफ लर्निंग, कनाडा), प्रोफेसर भूनारयण (यूनिवर्सिटी आफ टेक्नालाजी सिडनी), प्रोफेसर रीसा एलेंजुला (केंद्रीय फिलीपींस विश्वविद्यालय), प्रोफेसर दलजीत सिंह (मिलिशिया) और प्रोफेसर मुहम्मद नसीरुद्दीन (नेशनल यूनिवर्सिअी आफ बांग्लादेश, ढाका) शामिल थे। तकनीकी सत्र के बाद प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित हुआ जिसका संचालन डा० मुहम्मद नाज़िम ने किया।

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