Tuesday, March 18, 2025
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रूल ऑफ लॉ अंडर द कांस्टीट्यूशन ऑफ इन्डिया‘ विषय पर व्याख्यान का आयोजन

अवधनामा संवाददाता

विधि के शासन की संकल्पना भारतीय संविधान के अनुच्छेदों मेंः प्रो0 अशोक राय
विधि के विद्यार्थी ज्ञानपिपासु बनेः प्रो. वी. पी. सिंह
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विधि विभाग में सत्ताइसवें दीक्षांत समारोह के अनुक्रम मे ‘रूल ऑफ लॉ अंडर द कांस्टीट्यूशन ऑफ इन्डिया‘ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय विधि संकायाध्यक्ष प्रो0 अशोक कुमार राय ने ‘रूल ऑफ लॉ‘ एवं ‘रूल बाई लॉ‘ में अंतर स्थापित करते हुए विधि के शासन की अवधारणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘लॉ लिग्लाइट‘ एक लैटिन शब्दावली है यहीं से विधि के शासन की संकल्पना उद्भूत होती है। उन्होंने बताया कि विधि के शासन की संकल्पना भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रकट होती है। केशवानंद भारती के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संविधान का आधारभूत ढांचा घोषित किया था। उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान मानवीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एडीएम जबलपुर बनाम शिवाकांत शुक्ला के मामले में पारित विसम्मत निर्णय का उल्लेख किया और बताया कि सांविधानिक प्रावधानों के निलंबित रहने के बाद भी विधि के शासन की अवधारणा के अनुसार नागरिकों के मौलिक अधिकारों का संरक्षण होता रहेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के पूर्व विधि संकायाध्यक्ष प्रो. वी. पी. सिंह नेरूल ऑफ लॉ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें विवेकीय शक्ति की अनुपस्थिति नहीं है। बल्कि यह मनमानेपन के विरुद्ध सरंक्षण है। उन्होंने विधि के विभिन्न पहलू पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को ज्ञानपिपासु बनने पर बल दिया और कहा कि ज्ञान ही आपका सम्बल होगा जब कभी आप कर्मक्षेत्र में उतरेंगें। कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिंह ने विधि के शासन की थ्रस्ट एरिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विधि का शासन अयुक्तियुक्त विभेद को प्रतिषिद्ध करने के साथ स्वैच्छाचारिता पर अंकुश लगाता है। उन्होंने कहा कि विधि की सर्वोच्चता एवं विधि के समझ समता, विधि के शासन का मूर्त रूप है।कार्यक्रम में डॉ. सतोष कुमार पाण्डेय ने बताया कि भारतीय संविधान की परिसीमा में रहते हुए संविधान निर्माताओं ने विधि के शासन की संकल्पना के भाव को स्वीकार किया था, यद्यपि इसमें इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। डॉ. वंदना गुप्ता ने विधि के शासन की आधुनिक स्वरूप् की व्याख्या किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विवेक सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर एलएल.एम. के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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