अनुपमा फाउण्डेशन एवं ताना बाना के संयुक्त तत्वधान में कार्यक्रम टोल्ड-अनटोल्ड का आयोजन

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Organization of Told-Untold organized under joint provision of Anupama Foundation and Tana Banaलखनऊ। कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए अनुपमा फाउण्डेशन एवं ताना बाना अड्डा ने ऐसी महिला वक्ताओं को आमंत्रित किया जो कोरोना योद्धा रह चुकी हैं व अपने क्षेत्र में प्रभावशाली कार्य क्र रही हैं। ऐसी महिलाओं द्वारा कोरोना संक्रमण के विषय में जागरूकता बढ़ने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बढ़ते हुए संक्रमण से लोगों को आगाह करके बचावए रोक थाम के उपाय व यदि कोरोना हो भी जाए तो शारीरिक एवं मानसिक रूप से कैसे तैयार रहा जाएए वार्तालाप का मुख्य विषय था।
आयोजित कार्यक्रम की मुख्य वक्ता दिया बेजल- शिक्षाविद्, शुभ्रा मित्तल (महिला उद्यम), अंजली सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता और संस्थापक जूट फॉर लाइफ), डॉ0 संध्या सिंह (स्त्री रोग विशेषज्ञ) लोक बंधु अस्पताल, डॉ0 प्रीति सिंह (एकीकृत कोविद कमांड सेंटर, लखनऊ), डॉ0 इच्छा कालरा (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर-एबी-पीएमजेएवाई), डॉ0 परिणीता श्रीवास्तव (क्योर होम्योपैथिक क्लिनिक), डॉ0 झरना रस्तोगी (इंटीग्रेटेड कोविद कमांड सेंटर, लखनऊ), समृद्धि श्रीवास्तव थीं।
कार्यक्रम का संयोजन प्रो० सिन्धुजा अवस्थी (मनोवैज्ञानिक) के द्वारा किया गया।
कोविड के मुख्य योद्धा व समाज की सेवा में 24 घंटे कार्यरत इंटीग्रेटेड कोविड कमांड उत्तर प्रदेश सरकार की महिला डॉक्टरों की टीम के सदस्य डॉ० प्रीती सिंह, डॉ० झरना, डॉ० इच्छा के प्रेरक उद्बोध व कहानियां कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था। डॉक्टर टीम ने बताया कि परिवार की जिम्मेदारी के साथ उनकी टीम ने कैसे प्रदेश सरकार के साथ 24 घंटे कोरोना युद्ध में साथ दिया।
कार्यक्रम में आयी इंटीग्रेटेड कोविड कमांड की डॉक्टर्स की टीम, डॉ० प्रीती सिंह, डॉ० झरना, डॉ० इच्छा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ICCC में कार्यरत होते हुए एवं अपने परिवार से दूर रहते हुए हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य कोविड संक्रमित मरीजों के लिए त्वरित इलाज़ मुहैया करना था। इस दौरान हम लोग 24 -24 घंटे कोविड संक्रमित मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कार्य कर रहे थे। इस दौरान हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह थी कि किसी भी कोविड संक्रमित मरीज को इलाज़ के लिए भटकना न पड़े एवं उनको समय पर सही इलाज़ मुहैया कराया जा सके। कोविड संक्रमित मरीज एवं उत्तर प्रदेश सरकार के भरोसे को देखते हुए हम लोग एक टीम वर्क के तौर पर साथ मिलकर कोविड संक्रमण को तेजी से बढ़ने को रोकने के लिए मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए कार्यवाही करते हैं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अनुपमा सिंह, अध्यक्षा अनुपमा फाउंडेशन के स्वागत वचनों से हुआ। उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड कोविड कमांड की डॉक्टर्स की टीम जिसमे डॉ0 प्रीति सिंह, डॉ0 झरना रस्तोगी, डॉ0 इच्छा कालरा शामिल थीं, कार्यक्रम की मुख्य स्टार प्रचारक थीं । इन्ही की वजह से कोविड संक्रमित मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा एवं ICCC की डॉक्टर्स की टीम ने 24 घंटे कड़ी मेहनत के साथ करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार का साथ देते हुए कोरोना महामारी के दौरान अपने परिवार से दूर रहते हुए भी कोविड संक्रमित मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 24 घंटे कार्य किया है जिसकी जितनी भी सराहना किया जाए कम है।
ICCC भारत सरकार द्वारा स्थापित इकाई है जो 24 घंटे कोविड पीड़ितों के लिए कार्य कर रही है एवं ICCC में कार्यरत डॉक्टर्स का योगदान सराहनीय रहा है।

उन्होंने बताया कि कोविड के कारण हुए महिलाओं के आर्थिक नुकसान को उन्होंने गाँव गाँव PPE किट, सेनिटाइजर, रोग प्रतिरोधक काढ़ा आदि का निर्माण करवा कर व उन्हें बाजार में उपलब्ध कराकर अनुपमा फाउंडेशन ने महिलाओं का नुकसान पूरा किया।

अनुपमा फाउंडेशन द्वारा महिलाओं को कोविड से स्वयं व परिवार की रक्षा के लिए जगह जगह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवा कर निःशुल्क हैंड सेनिटाइजर व हैंड वाश का वितरण मलिन व निम्न वर्ग की महिलाओं के परिवारों को किया गया। उन्होंने कहा कि इस देश में आधी आबादी महिलाओं की है इसलिये देश को पूरी तरह से शक्तिशाली बनाने के लिये महिला सशक्तिकरण बहुत जरुरी है। उनके उचित वृद्धि और विकास के लिये हर क्षेत्र में स्वतंत्र होने के उनके अधिकार को समझाना महिलाओं को अधिकार देना है। गोपालपुर बाराबंकी में भी अनुपमा फाउंडेशन द्वारा PPE किट बनाने की पूरी यूनिट लगवाई गयी जहाँ सभी प्रकार की PPE किट का कम दाम में निर्माण कराकर अस्पतालों में सप्लाई किया जाता है।
अनुपमा सिंह ने कहा कि अनुपमा फॉउन्डेशन विगत एक दशक से महिला जागरुकता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की शिक्षा में कार्य कर रही है। हमारा उददेश्य है कि समाज में महिलाओं को बराबर का अधिकार मिले और अगर किशोरवय से ही बालिकाओं में आत्मसम्मान की भावनाओं को जगाया जाये तो आगे चल कर वह समाज के लिये एक उदाहरण बन सकती है ।
पूजा बाताज़ का एक जुनून, रूपाली साहा का विजन, दीपक साहा (परिकल्पना कम्युनिक) द्वारा प्रबंधित ताना बाना अड्डा एक ब्रांड है।
रूपाली साहा बताती हैं कि हमारा मूल विचार एवं धेय हमारे अतिथि के व्यक्तिगत पसंद के अनुरूप अलमारी को निजीकृत करना रहता है । हम कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों के साथ काम करते हुए चंदेरी प्रदर्शनी की मेजबानी करते हैं और कामदानी कला को बढ़ावा देने के लिए गांवों का दौरा करते हैं एवं मास्टरपीस बनाने वाले कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए नेत्र शिविरों का आयोजन हमारी यात्रा में शामिल है।

पूजा बाताज़ बताती हैं कि एक आम कोशिश, हमारे नवीनतम ताना बाना, आंतरिक आत्मा को छूने और अपने व्यक्तिगत रिक्त स्थान के खिंचाव को बढ़ाने के लिए क्लासिक संग्रहणीय की श्रेणी में प्रवेश करने के लिए आंतरिक हृदय को छूने और सक्षम होने के बारे में एक प्रयास था। कई कारण हैं जो ताना बाना को संदर्भित करते हैं लेकिन वर्तमान परिदृश्य में हमारे लिए सबसे।

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