• इस समूह में पांच हेल्थ टेक स्टार्टअप्स शामिल है, जिसमें टेलीहेल्थ, क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट और डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस शामिल हैं
• यह कार्यक्रम ऑप्टम स्टार्टअप स्टूडियो इंडिया के लिए इनोवेशन पार्टनर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हैदराबाद के साथ भागीदारी में लॉन्च किया गया
गुरुग्राम ऑप्टम ग्लोबल सोल्यूशंस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हैदराबाद (आईआईआईटीएच) के साथ साझेदारी में पहले ऑप्टिम स्टार्टअप स्टूडियो इंडिया समूह (कोहॉर्ट) की स्थापना की। इस समूह में पांच हेल्थकेयर स्टार्टअप्स शामिल हैं।
• मेडटेल का रिमोट पेशेंट मॉनिटिरिंग प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर्स और मेंबर्स को वास्तविक समय में आंकड़ों का विश्लेषण पेश करता है, जिससे बीमारी में सुधार होने में मदद मिलती है, और पुरानी बीमारियों का मैनेजमेंट आसानी से किया जा सकता है और संपूर्ण आबादी का स्वास्थ्य प्रबंधन करने में सहयोग मिलता है। इनकी हेल्थ किट में इस प्लेटफॉर्म पर एकीकृत इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) से सक्षम डिवाइसेज शामिल हैं।
• ग्रेलमेकर इनोवेशन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सक्षम सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस ऐप चिकित्सा के खर्च की लागत को कम करने, इलाज के बेहतर नतीजे हासिल करने और रोग को गंभीर होने से रोकने की डॉक्टरों को इजाजत देता है। इससे बच्चों में कोर्टिकल विचुअल इम्पेयरमेंट (सीवीआइ) की समस्या को सुधारा जा सकता है।
• डैफोडिल हेल्थ का पीडियाट्रिक बिहेवियरल हेल्थ प्लेटफॉर्म उन बच्चों के इलाज के लिए घर पर किफायती सेवाएं मुहैया कराता है जिसमें देरी से विकास की समस्या होती है।
• नेमोकेयर आईओटी-इनेबल्ड वियरेबल डिवाइस प्रदान करता है, जिसमें नवजात शिशुओं के लिए किफायती, सबकी पहुंच में शामिल और पूर्ण रूप से सटीक मेडिकल ग्रेड मॉननिटरिंग सोल्यूशन होते हैं। जिससे नवइत शिशुओं को बिना किसी जरूरत के अस्पताल में भर्ती कराने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।
• बीवेल हेल्थ ने बिना किसी के संपर्क में आए इलाज कराने के लिए आधुनिक टूल विकसित किया है, जो स्मार्ट फोन कैमरा और एआई एल्गोरिथम का प्रयोग कर मरीजों की रिपोर्ट में मुख्य तथ्यों की निगरानी रख सकता है। इससे मरीजों, चिकित्सा कर्मियों और भुगतान करने वाले लोगों को स्वास्थ्य रक्षा पर अनावश्यक खर्च वहन नहीं करना पड़ता।
ऑप्टम स्टार्टअप स्टूडियो ऑप्टम और यूनाइटेडहेल्थ केयर ग्रुप का हिस्सा है। इसका लक्ष्य नए-नए आइडियाज के साथ उन स्टार्टअप की पहचान करना है, जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने में मदद मिल सके। यह चिकित्सा जगत के सामने आने वाली कई मुश्किल चुनौतियों के हल निकालता है। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में ऑप्टम चुनिंदा स्टार्टअप्स को उनके प्रारंभिक चरण की जरूरत के अनुसार संरक्षण और मार्गदर्शन मुहैया कराता है। इसमें तकनीक, बिजनेस की रणनीति, डिजाइन और प्रॉडक्ट डिवेलपमेंट के साथ 25 हजार डॉलर की इक्विटी फ्री ग्रांट शामिल है। इसके साथ ही आईआईआईटीएच स्टार्टअप्स को संरक्षण देने में गहन शोध संबंधी क्षमताओं और अनुभव का लाभ उठाता है। इसके साथ ही इन स्टार्टअप्स को रिसर्च और बिजनेस संबंधी मार्गदर्शन भी मुहैया कराया जाता है।
ऑप्टम में स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के वाइस प्रेसिडेंट पॉल नीलसन ने कहा, “ऑप्टम में हम भविष्य की तकनीक के माध्यम से चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक बनाने, उसे व्यवस्थित करने और उसे सरल बनाने की तकनीक विकसित कर रहे हैं। हमारा मानना है कि स्टार्टअप्स के प्रारंभिक चरण के साथ हमारी नई साझेदारी और आविष्कार बड़े पैमाने पर चिकित्सा जगत को बदलने के प्रयासों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें उपभोक्ताओं और मरीजों को केंद्र में रखकर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। भारत के पास जीवंत इकोसिस्टम है, जिसमें डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस का निर्माण करने की पर्याप्त क्षमता है, जो चिकित्सा प्रणासली को सभी के लिए बेहतर ढंग से काम करने में मदद करती है।”
ऑप्टम ग्लोबल सोल्यूशंस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में ऑप्टम स्टार्टअप स्टूडियो के वरिष्ठ निदेशक अंकित गुप्ता ने कहा, “ऑप्टम स्टार्टअप स्टूडियो के पहले कोहॉर्ट लॉन्च के साथ, हमने टेक्नोलॉजी से लैस सोल्यूशंस की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है, जिससे चिकित्सा जगत में आने वाली सबसे कठिन मुश्किलों का सामना किया जा सकता है। कोहॉर्ट के छह महीने में, हम चुनिंदा स्टार्टअप्स के साथ नजदीकी सहयोग से काम करेंगे और उन्हें खास उद्देश्य के लिए बनाई गई वर्कशॉप, साथियों से सीखने के अनुभव प्रदान करेंगे। इसके साथ ही उन्हें उनके बिजनेस की जरूरतों के अनुसार मार्गदर्शन दिया जाएगा।“
आईआईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर, को-इनोवेशन/आउटरीच श्री रमेश लोगानाथन ने कहा, ऑप्टम स्टार्टअप स्टूडियो इंडिया के साथ हमारी साझेदारी में ऑप्टम में बेहतरीन स्वास्थ्यरक्षा विशेषज्ञता और आईआईआईटी हैदराबाद की गहन तकनीकी क्षमताओं का संयोजन किया गया है। इससे हमारा समूह अपने प्रॉडक्ट का रोड मैप बेहतर करता है, अपना दायरा बढ़ाता है और एक मजबूत हेल्थकेयर इकोसिस्टम बनाने में योगदान करता है।”
यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप ने जटिल स्वास्थ्यरक्षा चुनौतियों से निपट रहे स्टार्टअप्स की मदद के लिए हेल्थ केयर में नवाचार और नए अवसर मिलने की अहमियत को पहचाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप व्यावसायों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना एक्सीलरेटर प्रोग्राम बरकरार रखा है, जिससे नई कंपनियों को अपने नजरिये को बेहतर बनाने और बाजार की धारणा जानने में मदद मिले।
Also read