अवधनामा संवाददाता
अतरौलिया /आजमगढ़।(Atraulia / Azamgarh) 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय अतरौलिया के डॉक्टरों की मनमानी तथा गैर जिम्मेदाराना रवैया से समय से नही चल पा रही ओपीडी ।
बता दें कि 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय अतरौलिया की बदहाली पर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का ना तो आने का समय निर्धारित है और ना ही जाने का समय। ऐसे में सुबह ओपीडी चालू कर दी जाती है लेकिन डॉक्टर अपने चेंबर से नदारद मिलते हैं। हार मान कर मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों के यहाँ जाना पड़ता है। जहां झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा इन्हें तरह – तरह से लूटा जाता है। ओपीडी में डॉक्टरों के समय से ना बैठने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासनादेश की माने तो ओपीडी का समय सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक का निर्धारित है।
मगर जब संवाददाता टीम हॉस्पिटल का हाल जानने सुबह 11 बजे पहुंची तो सुबह 11 बजे तक तमाम डॉक्टरों की अनुपस्थिति देखने को मिली। अल्ट्रासाउंड के डॉक्टर मोहनलाल जो कि सप्ताह में केवल 3 दिन सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को ओपीडी में बैठते हैं उनके यहां 11 बजे जब हमारे रिपोर्टर की टीम पहुंची तो ओपीडी के बाहर तमाम मरीजों की भीड़ लगी हुई थी किंतु अल्ट्रासाउंड के डॉ मोहन लाल 11:00 बजे तक ओपीडी में नहीं आए हुए थे। इस संबंध में हमारे संवाददाता ने स्वास्थ्य अधीक्षक डॉक्टर केके झा से बात किया तो उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड के डॉक्टर मोहनलाल हमारे यहां के नहीं है, ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया के डॉक्टर है। डॉक्टर के ना बैठने के कारण दूर दराज से आए हुए तमाम मरीज थक हारकर वापस चले जाते हैं या तो दलालों के चंगुल में फस जाते हैं। जबकि लोगों के स्वास्थ्य पर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि इसकी व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए जिससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा ऐसे रवैए से लोगों में काफी रोष व्याप्त है।
बता दें कि 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय अतरौलिया की बदहाली पर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का ना तो आने का समय निर्धारित है और ना ही जाने का समय। ऐसे में सुबह ओपीडी चालू कर दी जाती है लेकिन डॉक्टर अपने चेंबर से नदारद मिलते हैं। हार मान कर मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों के यहाँ जाना पड़ता है। जहां झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा इन्हें तरह – तरह से लूटा जाता है। ओपीडी में डॉक्टरों के समय से ना बैठने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासनादेश की माने तो ओपीडी का समय सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक का निर्धारित है।
मगर जब संवाददाता टीम हॉस्पिटल का हाल जानने सुबह 11 बजे पहुंची तो सुबह 11 बजे तक तमाम डॉक्टरों की अनुपस्थिति देखने को मिली। अल्ट्रासाउंड के डॉक्टर मोहनलाल जो कि सप्ताह में केवल 3 दिन सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को ओपीडी में बैठते हैं उनके यहां 11 बजे जब हमारे रिपोर्टर की टीम पहुंची तो ओपीडी के बाहर तमाम मरीजों की भीड़ लगी हुई थी किंतु अल्ट्रासाउंड के डॉ मोहन लाल 11:00 बजे तक ओपीडी में नहीं आए हुए थे। इस संबंध में हमारे संवाददाता ने स्वास्थ्य अधीक्षक डॉक्टर केके झा से बात किया तो उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड के डॉक्टर मोहनलाल हमारे यहां के नहीं है, ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया के डॉक्टर है। डॉक्टर के ना बैठने के कारण दूर दराज से आए हुए तमाम मरीज थक हारकर वापस चले जाते हैं या तो दलालों के चंगुल में फस जाते हैं। जबकि लोगों के स्वास्थ्य पर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि इसकी व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए जिससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा ऐसे रवैए से लोगों में काफी रोष व्याप्त है।
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