कोरोना से ठीक होने के बाद दुष्प्रभावों से बचने के लिये उठाया गया कदम
लखनऊ। कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिये निःशुल्क ऑनलाईन योग एवं मेंटल हेल्थ प्रोग्राम की शुरूआत की गयी है। इसके जरिय मरीजों का मेंटल ट्रॉमा और चिंता को दूर करने के लिए पोषण विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक और योग प्रशिक्षकों जैसे विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। इलेक्ट्स ग्रुप और माइलन फार्मास्युटिकल्स द्वारा कोविड-19 और सर्वाइवर्स के लिये छह माह की अवधि के लिये तैयार किये खास इस ऑनलाईन प्रोग्राम पैनसिया की आज उत्तर प्रदेश सहित पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक में वर्चुअल इवेंट के जरिये शुरूआत की गयी है। “पैनसिआ“ कोविड-19 के मरीजों और सर्वाइवर्स के लिए एक डेडिकेटेड कैंपेन होगा। माइलन फार्मास्युटिकल्स और उत्तर प्रदेश आयुष सोसाइटी द्वारा समर्थित, “पैनसिआ“ सभी के लिए मुफ्त में सुलभ होगा। सभी सत्र इसके डैशबोर्ड panacea.eletsonline.com पर उपलब्ध होंगे, ताकि लोग अपनी सुविधा के अनुसार लेक्चर्स में भाग ले सकें। योग, पोषण और मनोरोग पर 6 विशेष सत्र 6 महीने के लिए आयोजित किए जाएंगे। माइलन फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट नरेश हसीजा ने कहा, “माइलन फार्मास्यूटिकल्स इस सामाजिक पहल का हिस्सा बनकर खुश है, जिसमें सभी के लिए योग, पोषण (न्यूट्रिशन) और साइकोलॉजिकल वेलबीइंग जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। आगे कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि दुनिया भर के विशेषज्ञों की कई रिपोर्टों के अनुसार कोविड-19 निश्चित रूप से आम फ्लू की तरह नहीं है क्योंकि इसका मानव शरीर के अंगों पर गहरा असर पड़ता है और इस बीमारी से उबर चुके मरीजों पर महीनों बाद भी इसका असर देखा जा सकता है। आयुष, उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव और उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसायटी के मिशन निदेशक डॉ राज कमल यादव ने कहा,
“योग भारत का एक प्राचीन व्यायाम है। यह जन अभियान योग के लाभों और समग्र स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक सराहनीय पहल है। एडीडीएल मिशन डायरेक्टर व यूपी एड्स, उत्तर प्रदेश सरकार के एनएचएम और एडीडीएल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ हीरा लाल, ने कहा, “रोकथाम इलाज से बेहतर है। योग और समग्र स्वास्थ्य किसी भी बीमारी का सबसे अच्छा इलाज है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभियान है। “पैनसिआ“ कोविड-19 के मरीजों और सर्वाइवर्स के लिए वर्चुअल प्लेटफार्म पर पोषण विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक और योग प्रशिक्षक जैसे विशेषज्ञों को लेकर आएगा ताकि वे इस बीमारी के बाद होने वाले दुष्प्रभावों से उबरने में लोगों की मदद करने के लिए उन्हें आवश्यक परामर्श और प्रशिक्षण दे पाएं। प्रत्येक विषय पर 1 से 1.5 घंटे का एक विशेष सत्र होगा। इन सत्रों को एक वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित किया जाएगा और इसमें शामिल होने के लिए लोगों को पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। कोविड-19 सबसे खराब चिकित्सा आपात स्थितियों में से है, जिसे दुनिया ने कभी देखा है। इस बीमारी ने मानवता को हिला दिया है क्योंकि हर दिन हजारों लोग मर रहे हैं। भारत इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है। भारत में रिकवरी दर 80 फीसदी तक पहुंच गई है, लेकिन मुद्दा यह है कि बड़ी संख्या में इस बीमारी से उबर चुके लोग अभी भी इस बीमारी के मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं। विभिन्न अन्य अध्ययनों के अनुसार, कोविड-19 से उबरने के बाद भी मरीज थकान, सांस की तकलीफ, याददाश्त और संज्ञानात्मक गिरावट, तनाव और चिंता से पीड़ित हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता कम हुई है।
Also read