कोलकाता एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी में अवैध गन फैक्ट्री का भांडाफोड़, पांच गिरफ्तार

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कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बिहार के भागलपुर जिले के चांदपुर गांव में एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भांडाफोड़ किया है। यह छापेमारी बिहार एसटीएफ, कोलकाता पुलिस (केपी) की एसटीएफ और आमडांडा थाना, भागलपुर की संयुक्त टीम ने की। टीम को यह सफलता एक विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर मिली।

एसटीएफ के डिप्टी कमिश्नर आईपीएस वी सुलेमन नेशा कुमार ने बुधवार सुबह बताया कि इस अभियान में पुलिस ने गन फैक्ट्री से 15 अर्धनिर्मित 7.65 एमएम पिस्टल के हिस्से और हथियार निर्माण के कई उपकरण जब्त किए हैं। फैक्ट्री से चार कुशल हथियार निर्माता और जमीन के मालिक को गिरफ्तार किया गया है। यह अवैध गन फैक्ट्री चांदपुर गांव के आमडांडा थाना क्षेत्र में स्थित थी।

पुलिस के अनुसार, मंगलवार को यह छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से भारी मात्रा में हथियार निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मशीनें और उपकरण बरामद हुए, जिनमें लेथ मशीन, मिलिंग मशीन, ड्रिलिंग मशीन, ग्राइंडिंग मशीन और हैंड ग्राइंडर जैसी आधुनिक मशीनें शामिल थीं। इसके अलावा, बड़ी मात्रा में कच्चा माल भी बरामद किया गया, जिसका उपयोग अवैध रूप से पिस्टल बनाने में किया जा रहा था।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान शिवनंदन मंडल (35), अनुप कुमार ठाकुर (36), राजेश मंडल (40), रजित कुमार यादव (27) और सोनू कुमार सिंह (19) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि शिवनंदन मंडल इस अवैध गन फैक्ट्री का मालिक है और उसकी जमीन पर यह फैक्ट्री चल रही थी, जबकि बाकी चार आरोपित कुशल हथियार निर्माता हैं जो अवैध हथियार बनाने के काम में जुटे थे।

पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री से बरामद अर्धनिर्मित 7.65 एमएम पिस्टल के हिस्सों में पिस्टल की बॉडी, स्लाइडर, ग्रिप और बैरल शामिल हैं। पुलिस अब इन आरोपितों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन अवैध हथियारों को कहां-कहां सप्लाई किया जाना था और इनके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।

भागलपुर के आमडांडा थाना में इस मामले में एक विशेष मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की टीम अब मामले की गहराई से जांच कर रही है और अवैध हथियार निर्माण के इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए और भी छापेमारियां की जा सकती हैं।

यह छापेमारी बिहार में अवैध हथियार निर्माण के बढ़ते कारोबार पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने इस अभियान को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी है ताकि इस अवैध धंधे के अन्य जुड़े लोगों तक पहुंचा जा सके।

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