सालाना तबलीगी मजलिस के अंतिम दिन उलेमाओं ने अमनो अमान व आपसी सद्भाव बनाने के लिये करवायी दुआ

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अवधनामा संवाददाता

जलालपुर। सालाना तब्लीग़ी मजालिस के अंतिम दिन उलमाओं ने इस्लाम धर्म को अमन व शान्ति का संवाहक बताते हुए ईमानदारी, सहिष्णुता, भाईचारा व सद्भभाव का पैगाम दुनिया को दिया। मजलिस के प्रथम चरण में मौलाना जुलकरनैन व मौलाना सैयद इब्ने अब्बास बाराबंकी ने इल्म पर अमल को तरजीह देते हुए हुसैनियत को आम करने की दावत दी।
नगर के रौज-ए-हजरत कासिम में आयोजित कार्यक्रम के बीच अलविदाई मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना जुलकरनैन ने कहा कि झूठ,फरेब,व बेईमानी की उम्र बहुत कम होती है, वहीं सच्चाई व ईमानदारी का परचम रहती दुनिया तक लहराता रहेगा। मौलाना इब्ने अब्बास बाराबंकी ने जहां पुरूषों को हुसैनियत का पाठ पढ़ाया वहीं महिलाओं के हुजूम को रसूल की बेटी हज़रत फात्मा के नक्शे कदम पर चलने का पैगाम दिया। कार्यक्रम के बीच उलमाओं द्वारा हज़रत इमाम हुसैन के काफिले पर यजीदी फौज द्वारा किए गए ज़ुल्म सितम को संजीदा माहौल में बयान किया तो श्रोताओं की आंखें नम होती रही वहीं या अली या हुसैन की गूंजती सजाएं कार्यक्रम की कामयाबी की जमानत बनी। अमीर हैदर ने कुरान की तिलावत कर कार्यक्रम का आगाज़ किया। अंसार हुसैन ने पेश ख्वानी कर कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उक्त अवसर पर सय्यद अलमदार हुसैन, सय्यद शब्बर हुसैन, नासिर अली,शेर अली, सय्यद मोहम्मद अब्बास,हाजी अली रजा, इनाम जाफरी आदि मौजूद रहे। संयोजक इब्ने अली जाफरी ने आगंतुकों का आभार जताया।

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