वेतन न मिलने की बात पूछने पर सविंदाकर्मी को बिजली विभाग द्वारा हटाया गया।

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मामला गरमाते देख अधिकारी डेमेज कंट्रोल में लगे।

साथी कर्मचारी को तत्काल किये गए कार्य का भुगतान हो – सविंदाकर्मी।

मांगे पूरी नहीं हुई तो होगा आमरण अनशन।

चोपन/सोनभद्र। विद्युत उपकेंद्र चोपन में सविंदाकर्मी अपने साथी सविंदाकर्मी की समस्या को लेकर एकजुट हुए और सांकेतिक हड़ताल पर चले गए। साथी कर्मचारी चंद्र प्रकाश मौर्य जो कि चोपन में सविंदाकर्मी के रूप में कार्यरत है। जिनका पिछले 2 महीनों से वेतन नहीं मिला। जिससे उनके परिवार में आर्थिक संकट आने पड़ी। किसी तरह सविंदाकर्मी के रूप में कार्य कर वो अपना और अपने परिवार सहित 2 बच्चों का पेट पालते है। बताते चले कि चन्द्र प्रकाश मौर्य गिर्द पावर सिस्टम कंपनी के अंदर में सविंदाकर्मी के रूप में बतौर चोपन उप केंद्र में कर्मचारी के तौर पर कार्यरत है। मिली जानकारी के अनुसार चन्द्र प्रकाश मौर्य का पिछले 2 महीने का वेतन ठेकेदार की तरफ से नहीं मिला। बकौल सविंदाकर्मी इस विषय में जब ठेकेदार से पूछा गया तो वो संबंधित उपकेंद्र के जेई से बात करने की बात कहकर कन्नी काट लिए। जब जेई से बात की गई तो जेई ने नौकरी से निकालने की बात कही और कार्य पर न आने को कहा। बिना 2 माह का वेतन दिए और बिना पूर्व सूचना के किसी कर्मचारी को कैसे निकाला जा सकता है ये बड़ा सवाल है या फिर संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा फैसला लिया गया। जैसे ही साथी बिजली कर्मचारी को निकालने की जानकारी हुई तो बात आग की तरह फैल गई। सभी सविंदाकर्मी सांकेतिक हड़ताल पर चले गए। जिससे पूरा बिजली महकमा हिल गया। क्योंकि बिजली दुरुस्त करने के लिए कोई उच्च अधिकारी पोल पर नहीं चढ़ता। बिजली दुरुस्त तो सविंदाकर्मी ही करते है। उमस भरी गर्मी में हर एक घण्टे चोपन उपकेंद्र क्षेत्र में बिजली की समस्या होती रहती है। ऐसे में अगर संविदाकर्मियों की कार्य बहिष्कार लंबी अवधि तक चलती है तो विद्युत व्यवस्था पूरे क्षेत्र में चरमरा जाएगी। वही संबंधित अधिकारी व ठेकेदार एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे। ठेकेदार से बात करने पर उन्होंने कहा कि, सब को पेमेंट हो गया है। उसमें चोपन के एक सविंदाकर्मी का पेमेंट रूक गया है। क्योंकि विभाग की तरफ से एग्रीमेंट कम का हो गया है। किसी को निकाला नहीं गया है। जैसे ही अप्रूवल हो जाएगा सबका पेमेंट चला जाएगा। जब तक हमे अप्रूवल होकर मिलेगा नहीं तब तक हम पेमेंट देने में असमर्थ है। ठेकेदार ने ये भी कहा इस बात की जानकारी पहले से जेई और एसडीओ को है और उनका ही काम है अटेंडेंस बनाने का। विद्युत एमडी ऑफिस वाराणसी पर अप्रूवल पहुँचते ही रुका हुआ पेमेंट आ जायेगा। पूरे मामले पर जेई का कहना है कि ठेकेदार के अंदर 500 से ऊपर संविदा कर्मचारी है जिसमे लगभग 37 लोगों का वेतन नहीं आया। फ़ाइल अप्रूवल के लिए गया है उम्मीद है एक हफ्ते के बाद वेतन आ जायेगा। वही सविंदाकर्मियों का कहना है कि, पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर हम कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा। हमारे साथी कर्मचारी चन्द्र प्रकाश मौर्य को बिना किसी कारण के बीते दो माह का वेतन नही दिया गया। इसके बाद भी संबंधित कर्मचारी को कार्य मुक्त किये जाने की बात कहि जा रही है। जबकी कार्य के दौरान साथी कर्मचारी ने पूरी इमानदारी से कार्य किया है। हमारे साथी कर्मचारी को तत्काल किये गए कार्य का भुगतान करने के साथ कार्य पर नही रखा जाता है तो हम कार्य बहिष्कार के साथ आने वाले दिनों में सभी कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठने के लिए वाध्य होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभागीय व संबंधित ठेकेदार की होगी।

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