टीले वाली मस्जिद सजाई गई नही हुई ईद ए मिलादुन नबी की महफिले
लखनऊ। संवाददाता, हिजरी वर्ष के अनुसार हर वर्ष रबिउल अव्वल माह की 11 तारीख को हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लाहु अलैहि वसल्लम मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर पुराने लखनऊ मे मनाया जाने वाला यौमे पैदाईश का जश्न इस बार नही मनाया गया। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी की गई सरकारी गाईड लाईन का पालन करते हुए सुन्नी समुदाय द्वारा इस बार न तो पुराने लखनऊ मे रौशनी की गई और न ही अधिक्तर मस्जिदो को सजाया गया। मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर पुराने लखनऊ मे जगह जगह आयोजित की जाने वाली ईद मिलादुन नबी की महफिले भी इस बार कोरोना वायरस की वजह से स्थगित कर दी गई। मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर पुराने लखनऊ मे ईद ए मिलादुन नबी की सबसे बड़ी महफिल अमीनाबाद स्थित झण्डे वाला पार्क मे आयोजित की जाती थी जहां हज़ारो लोग शिरकत करते थे महफिले मिलाद मे मोहम्मद साहब की पाक सीरत बयान कर उनकी शान मे नातिया कलाम पेश किए जाते थे। लेकिन इस बार झण्डे वाला पार्क पूरी तरह से सूना रहा यही नही लालबाग स्थित इस्लामियां कालेज और पुराने लखनऊ मे चाौक सब्ज़ी मंडी और अकबरी गेट स्थित एक मिनार मस्जिद मे भी महफिले मिलाद की महफिल आयोजित नही की गई। कोरोना काल मे मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर पुराने लखनऊ मे लोग एकत्र न हो और भीड़भाड़ न लगे इस लिए गुरूवार को सुबह से ही पुलिस ने पुराने लखनऊ में गुरूवार को होने वाली साप्ताहिक बन्दी को पूरी तरह से लागू कराते हुए दुकानो को बन्द करा दिया । 25 मार्च 2020 को पूरे देश मे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए 68 दिनो के लाक डाउन के बाद हालात धीरे धीरे समान्य हो रहे है सरकार द्वारा हालात को देखते हुए जनमानस को सुविधाए भी दी जा रही है लेकिन जिन कार्यक्रमो मे भीड़ ज़्यादा जुटती है उन कार्यक्रमो के आयोजन पर अभी भी पूरी तरह से रोक है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी की गई सरकारी गाईड लाईन का पालन करते हुए मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी ने पहले ही जुलूस-ए-मदहे सहाबा इस बार न निकाले जाने का एलान कर दिया था । आपको बता दे कि साल 1999 मे शिया सुन्नी और प्रशासन के बीच हुए समझाौते मे शिया समुदाय को नौ और सुन्नी समुदाय को एक जुलूस निकालने की इजाज़त दी गई थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस साल शिया समुदाय द्वारा भी इजाज़त न मिलने की वजह से जुलूसो को स्थगित कर दिया गया और सुन्नी समुदाय की तरफ से भी जुलूस को नही निकालने की घोषणा कर दी गई है । शाहमीना शाह की दरगाह से निकाला जाने वाला जुलूस-ए-मोहम्मदी भी इस बार स्थगित रहेगा। मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूव संध्या पर दुल्हन की तरह से सजाई जाने वाली इमारते और मस्जिदे इस बार नही सजाई गई और न ही पुराने लखनऊ के अक्बरी गेट से चाौपटियां के बीच लगने वाला मेला भी नही लगा। सरकारी गाईड लाईन का उलघ्ंान न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है बुद्धवार को ज्वाईन्ट पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा ने भारी पुलिस फोर्स के साथ अमीनाबाद से ऐशबाग ईदगाह तक पैदल रूटमार्च भी किया था । पुराने लखनऊ के संवेदनशील क्षेत्रो मे भारी संख मे पुलिस फोर्स तैनात है । हालाकि सुन्नी समुदाय के धर्म गुरूआ द्धारा जुलूस न निकालने का खुद ही एलान किया जा चुका है फिर भी पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड मे बिलकुन नही है एहतियात के तौर पर पुराने लखनऊ मे सतर्कता बढ़ा दी गई है।
मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर कुरैश वेल्फेयर फाउन्डेशन की ओर से नादान महल रोड स्थित मस्जिद तक़वियतुल इमान के बाहर गुरूवार को फल फ्रूट वितरण किया गया इस अवसर पर कुरैश वेल्फेयर फाउन्डेशन के अधयक्ष शहाबुददीन कुरैशी मस्जिद तक़वियतुल इमान के इमाम मौलाना ज़ैनुल आब्दीन वरिष्ठ समाज सेवी डाक्टर उमंग खन्ना, सेराज अहमद, सिकन्दर और आसिफ खान ने सड़क से गुज़र रहे लोगो को फल देते हुए उन्हे मोहम्मद साहब के जन्म दिन की बधाई दी। इस अवसर पर कुरैश वेलफेयर फाउन्डेशन के अध्यक्ष शहाबुददीन कुरैशी ने कहा कि मोहम्मद साहब ने हमेशा दुनिया को अमन भाईचारे का पैगाम दिया है उन्होने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से हम लोग मोहम्मद साहब के जन्म दिन की खुशी मे भले ही जश्न न मना सके लेकिन उनके जन्म दिन की खुशी मे लोगो का मंुह मीठा कराने के लिए फल फ्रूट का वितरण तो कर ही सकते है। मौलाना ज़ैनुल आब्दीन ने लोगो को मोहम्मद साहब के जन्म दिन की मुबारकबाद देते हुए कहा कि जिन्दगी रही तो अगले साल मोहम्मद साहब के जन्म दिन की खुशियां दिल खोल कर मनाएगे। इस अवसर पर डाक्टर उमंग खन्ना ने लोगो को फल बाट कर मोहम्मद साहब के जन्म दिन की बधाई दी।
Also read