गल्तियों के प्रति सम्मोहित

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एस एन वर्मा

कांग्रेस अपनी गल्तियों के प्रति इतना सम्मोहित रहती है कि बार-बार वही गल्तियां करती रहती है। उससे होने वाले राजनीतिक नुकसानो का उसे अहसास न हो यह तो नहीं सोचा जा सकता। पर बार-बार विगत की बातें कोे बिना मतलब दोहराते रहना उनकी क्या समस्या हल करती है क्या उससे बोलने वाले व्यक्ति की और पार्टी क्या छवि निखरती है वह तो वही जाने। पर जनता तो इसे उनका अपरिपक्व सोच समझती है।
अभी कांग्रेस के बहुत सीनियर नेता द्विगविजय सिंह ने केन्द्र सरकार पर कुछ सवाल दागे है जिसका जवाब केन्द्र द्वारा पहले ही दिया जा चुका है। मामलात लोग भूल भी गये हैं। द्विगविजय सिंह ने जाने किस सन्दर्भ इस घटना को उठाया है जबकि इस पर काई बार चर्चा भी हो रही है। सर्जिकल स्ट्रइक पर सवाल उठाते हुये उन्होंने सैन्य कारवाई में कितने मारे गये इसका प्रमाण मंागा है। इस समय इसकी क्या जरूरत पड़ गई सोच से परे है। विगत में इन सारे मुद्दो का जवाब सरकार दे चुकी है। पर द्विगविजय सिंह शायद पार्टी की राजनीति में बोर हो रहे है इसीलिये बैठे ठाले यह सवाल दाग कर कांग्रेस को असहज स्थिति में डाल दिया। पार्टी ने उनके बेमौके सवाल को पसन्द नही किया उनकी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश को सफाई देनी पड़ी कि यह द्विगविजय सिहं का व्यक्तिग सवाल है। पार्टी को इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है। वैसे भी द्विगविजय सिंह की वरिष्ठता, अनुभव और जिम्मेदार पदों पर रहने के अनुभव को याद कर उनकी सोच पर हंसी आती है। कहावत याद आती है कि खाली बनिया इस कोठरी का सामान उस कोठरी में, उस कोठरी का सामान उस कोठरी में रखकर समय काटता रहता है। द्विगविजय सिंह भोपाल में भी कुछ असहज कहते करते रहे है जिससे पार्टी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।
जिस मुद्दे को द्विगविजय सिहं ने उठाया है उसी पर राहुल गांधी ने खून का दलाली कहा था। द्विगविजय सिंह यही नहीं रूके पुलवामा हमले को लेकर भी सरकार पर चोट किये। राहुल गांधी और कांग्रेस अन्य नेता भी इस मुद्दे को उठा चुके है। सरकार ने सबका जवाब भी दिया है। फिर ठन्ढा लोहा कांग्रेस पीट रही है। कांग्रेस को अहसास भी है इन मुद्दो को उठाने से उसे नुकसान ही हुआ है। पर गल्ती करने की सम्मोहन बार-बार वही गल्ती कराती रहती है।
चूकि कांग्रेस का मुख्य चेहरा राहुल गांधी भी बेतुके सवाल उठाते रहे है लगता है शायद पार्टी के अन्य नेता उन्हीं की तरह बात कर अपने मुख्य नेता को सपोर्ट करते रहते है। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल वहीं अपने पुराने सवाल दोहराते रहते है। राहुल गांधी के अनुसार सेना में अग्निवीर की भर्ती सेना को कमजोर करने की साजिश है। इस बयान में कितनी प्रौढ़ता है कितना विवेक है। बच्चा भी जानता होगा कि कोई भी सरकार अपनी सेना को कभी भी कमजोर नहीं बनायेगी। कांग्रेेस लगता है भारत जोड़ो यात्रा में जोड़ना भूल गयी है दूसरे मुद्दो में उलझती जा रही है। खणगे़ इस समय खामोश दिख रहे है। इस समय जैराम रमेश ही बोल रहे है।
जो हो कांग्रेस बयानों पर गौर करे अपनी गल्तियों पर गौर करे वह सिकुड़ती क्यो जा रही है। दूसरी पार्टियां उसने दूरी क्यों बनाये रहती है। ऐसे में भारत को कैसे जोड़ेगे। उनका पार्टी में दबदबा भी रहा है। कांग्रेस गल्तियों के सम्मोहित बाहर निकले तब बात बनेगी।

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