अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/बीजपुर। एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र की एक मुख्य इकाई एनटीपीसी रिहंद नें अपने गौरवशाली 40 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। एनटीपीसी रिहंद ने आज से 40 वर्ष पहले शून्य से शुरुआत करते हुए आज विश्व पटल पर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा चुका है। एनटीपीसी रिहंद की विभिन्न उपलब्धियां एवं कीर्तिमान हम सभी के लिए अनुकरणीय हैं। एनटीपीसी रिहंद बिजली उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु भी प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी रिहंद द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में पर्यावरण संरक्षण हेतु विभिन्न कार्य किए गए हैं, जिसमें मुख्य हैं फ्लाई ऐश ईंटों के निर्माण हेतु भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से लाइसेन्स प्राप्त करने वाला देश का प्रथम ताप बिजली घर है।
राख़ उपयोगिता को बढ़ाने के लिए बीटीएपी रेल डब्बों के माध्यम से दूरस्थ स्थित सीमेंट सनयन्त्रों को राख उपलब्ध करवाने वाला एनटीपीसी रिहंद देश का प्रथम संयंत्र है । इसी कड़ी में फ्लाई ऐश के 100 बीटीएपी रेक सीमेंट सनयन्त्रों को भेजा जा चुका है।
बॉक्स – एन रेल डब्बों के माध्यम से पानी मिश्रित राख़ का परिवहन करने वाला एनटीपीसी का प्रथम संयंत्र।
इसके साथ ही संयंत्र से उत्पन्न होने वाली राख़ का सड़क निर्माण (एनएचएआई), सीमेंट उत्पादन, फ्लाई ऐश ब्रिक निर्माण इत्यादि मे उपयोग किया जा रहा है।सीमेंट संयंत्रों के माध्यम से ‘ऊर्जा वसूली और संसाधन संरक्षण’ पद्धति के द्वारा प्लास्टिक वेस्ट के पर्यावरण के अनुकूल निस्तारण किया जा रहा है। अब तक लगभग 09 एमटी प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण किया जा चुका है और घरेलू अपशिष्ट के निस्तारण के लिए 03 बायो मिथेनेशन संयंत्र की स्थापना भी की गयी है। साथ ही घरेलू अपशिष्ट जल के उपचार के लिए एमबीबीआर पद्धति पर आधारित 02 एसटीपी संयंत्र की स्थापना की गयी ।
एनटीपीसी रिहंद द्वारा चिमनी से धूलकण के उत्सर्जन की रोकथाम के लिए सभी इकाइयों मे अत्यधिक कार्यकुशल ईएसपी की स्थापना की गई और औद्योगिक अपशिष्ट जल के उपचार के लिए सभी स्टेजों मे ईटीपी की स्थापना भी की गई। NOx के उत्सर्जन के लिए निर्धारित मानकों के पालन के लिए एनटीपीसी रिहंद मे OFA सिस्टम की स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, और सभी इकाइयों मे एफ़जीडी की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
पर्यावरण संरक्षण की कड़ी में एनटीपीसी रिहंद द्वारा अब तक 22 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया है, और रिहंद परियोजना, एनटीपीसी वीएसआर का पहला संयंत्र है जो की वर्ष 2020 से मियावकी पद्धति से वृक्षारोपण कर रहा है।
एनटीपीसी रिहंद आने वाले समय में भी बिजली उत्पादन एवं अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी वचनवद्ध रहेगा।