नई दिल्ली: भारत और जापान के बीच और अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल (एनएसडीसीआई) और एक ग्लोबल वर्कफोर्स सॉल्यूशन्स कम्पनी – निप्पॉन ट्रैवल एजेंसी को. लिमिटेड ने आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में विभिन्न सेक्टरों से कुशल प्रोफेशनल को काम पर रखने के संबंध में जापानी मार्केट में जागरूकता पैदा करना है। यह पहल जापान में विविध प्रतिभाओं की बढ़ती मांग पर ध्यान देने के साथ ही एक निर्बाध रिक्रूटमेन्ट प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का प्रयास करती है।
यह समझौता आधिकारिक तौर पर एनएसडीसीआई के डायरेक्टर और चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री अजय कुमार रैना और निप्पॉन ट्रैवल एजेंसी के एग्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर और चीफ़ ऑफ़ हेडक्वार्टर श्री कीगो योशिदा के बीच हस्ताक्षरित किया गया।
इस पहल पर बोलते हुए, एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी ने कहा, “निप्पॉन ट्रैवल के साथ हमारी साझेदारी, भारत और जापान के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अंतर-सांस्कृतिक समझ में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, हम भारत में जापानी भाषा प्रशिक्षण का सक्रिय रूप से समर्थन और प्रचार करेंगे। भाषाई कौशल के महत्व को संबोधित करके, हमारा लक्ष्य दोनों देशों के प्रोफेशनल लोगों के बीच संचार और सहयोग को बढ़ाना है। यह पहल हमारी साझा दृष्टि और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो दोनों देशों के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान करने के हमारे संकल्प को रेखांकित करती है।”
निप्पॉन ट्रैवल एजेंसी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और चीफ़ ऑफ़ हेडक्ववार्टर श्री कीगो योशिदा ने कहा, ”यह साझेदारी दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक सेतु की सुविधा प्रदान करेगी और जापान के डाइवर्स लेबर मार्केट को और समृद्ध करेगी। हम जापानी समाज में योगदान देने और एक साथ बढ़ने के लिए भारत के मेहनती और प्रतिभाशाली लोगों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। हम जापान और भारत के बीच दोस्ती को और गहरा करने के लिए तत्पर हैं”।
एनएसडीसी इंटरनेशनल और निप्पॉन ट्रैवल, जापानी कंपनियों की विशिष्ट मांगों के अनुरूप भारतीय कुशल उम्मीदवारों की नियुक्ति को सपोर्ट करने के लिए एकजुट हुए। इस संयुक्त प्रयास की परिकल्पना टैलेन्ट गैप को कम करने और वर्कफोर्स मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए की गई है। इसके अलावा, एनएसडीसीआई और निप्पॉन ट्रैवल भारत और जापान दोनों में ज्वाइन्ट सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित करेंगे। ये कार्यक्रम कौशल विकास, वर्कफोर्स मोबिलिटी और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, नॉलेज एक्सचेन्ज और सहयोग को बढ़ावा देंगे।
भारत और जापान ने विभिन्न कौशल विकास पहलों पर सहयोग किया है, जैसे इंडिया-जापान स्किल डेवलपमेन्ट काउन्सिल, जो व्यावसायिक शिक्षा, प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास में सहयोग को बढ़ावा देती है। 2016 में, देशों ने जापानी शैली के मैन्युफैक्चरिंग स्किल और प्रैक्टिस के साथ 10 वर्षों में 30,000 व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के लिए “मैन्युफैक्चरिंग स्किल ट्रान्सफर प्रमोशन प्रोग्राम” समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मैन्युफैक्चरिंग के लिए पैंतीस जापान-इंडिया इन्स्टीट्यूट (जेआईएम) और 11 जापानी इनडॉउड कोर्स (जेईसी) भारत भर के विभिन्न राज्यों में स्थापित किए गए हैं।
2017 में, कौशल विकास क्षेत्र में भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय सहयोग को महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित करने के लिए टीआईटीपी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस कार्यक्रम के तहत, भारत से चयनित उम्मीदवारों को जापान में तीन से पांच साल की इंटर्नशिप से गुजरना पड़ता है, जिसके बाद उन्हें भारत लौटना होता है और जापान में उनके द्वारा हासिल किए गए कौशल का उपयोग करना होता है।
इसी तरह, जापान सरकार द्वारा अप्रैल 2019 में ‘स्पेसिफाइड स्किल्ड वर्कर’ की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत इच्छुक भारतीय युवा नौकरी कर सकते हैं और जापान में रह सकते हैं। जापान ने स्पेसिफिक एक्पर्टाइज़ और कौशल वाले विदेशी मानव संसाधनों को स्वीकार करके जापान में लेबर की गंभीर कमी को दूर करने के लिए ‘स्पेसिफाइड स्किल्ड वर्कर’ की शुरुआत की। जुलाई 2022 तक, जापान ने भारत सहित 15 देशों के साथ एसएसडब्ल्यू सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत और जापान के बीच ‘स्पेसिफाइड स्किल्ड वर्कर’ के कार्यान्वयन के लिए जनवरी 2021 में भारत और जापान ने सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
एनएसडीसी की 100% सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल, रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने और आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कौशल विकास और प्रशिक्षण पहल की सुविधा प्रदान करने वाले सेक्टरों की एक व्यापक सूची को पूरा कर रही है। इनमें टेक्सटाइल, हेल्थकेयर, कन्स्ट्रक्शन, हॉस्पिटैलिटी और रेलवे शामिल हैं।
कौशल विकास में भारत और जापान की संयुक्त पहल इनकी राष्ट्रीय सीमाओं से कहीं आगे तक फैली हुई है। ये दोनों अपनी साझेदारी के केंद्रीय स्तंभ के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मोबिलिटी को बढ़ावा देने के साझा दृष्टिकोण को अपनाते हैं। यह सामूहिक विज़न इस दृढ़ विश्वास पर आधारित है कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने और अवसरों का लाभ उठाने में विश्व स्तर पर सक्षम वर्कफोर्स सर्वोपरि है।