उभरती डिजिटल टेक्नोलॉजी में भारतीय युवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए एनएसडीसी, आईआईटी मंडी की साझेदारी 

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देश को विश्व की कौशल राजधानी‘ बनाने के स्किल इंडिया मिशन के विजन को आगे बढ़ाते हुएइस साझेदारी का उद्देश्य उभरती टेक्नोलॉजी जैसे डेटा साइंसबिग डेटा एनालिटिक्स में डिजिटल कोर्सेज़ शुरू करना और उद्यमशीलता की भावना बढ़ाना है।

आईआईटी मंडी के प्रीमियम लर्निंग अवसरों को डिजिटल रूप से डिलीवर किया जाएगाजिससे देश भर में उम्मीदवारों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल की पहुंच बढ़ेगी।

 

नई दिल्ली,  भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत नोडल एजेंसी, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (आईआईटी मंडी) के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे उन पहलों को शुरू किया जाएगा जो युवाओं के लिए प्रभावी डिजिटल कोर्स डिलीवरी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल की पहुंच के साथ-साथ इमर्सिव हैंड्स-ऑन लर्निगं अवसरों को बढ़ाने में सक्षम होगी।

इस एमओयू पर एनएसडीसी के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफिसर एंड ऑफिसिएटिंग सीईओ वेद मणि तिवारी और आईआईटी मंडी के डायरेक्टर प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।

इस साझेदारी का उद्देश्य उभरती टेक्नोलॉजी जैसे डेटा साइंस, बिग डेटा एनालिटिक्स, में डिजिटल कोर्सेज़ शुरू करना है। आईआईटी मंडी के साथ एनएसडीसी छात्रों और बाजार की प्रशिक्षण आवश्यकताओं के अनुरूप प्रोग्राम को डिजाइन करेगा और सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस सेटअप करेगा। इससे आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करने के साथ टीचर्स, ट्रेनर्स और जमीनी स्तर के लीडर्स के निर्माण की दिशा में भारतीय युवाओं में उद्यमशीलता की भावना विकसित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए ट्रेनिंग मेथेडोलॉजी के नए मॉडल संयुक्त रूप से बनाए जाएंगे ताकि अत्याधुनिक सीखने के अवसरों को और अधिक सुलभ बनाया जा सके, जिससे रोजगार में वृद्धि हो सके। इस पूरे ट्रेनिंग प्रोग्राम के ऑन-ग्राउंड इम्पलीमेंटेशन की देखरेख एनएसडीसी करेगा। एनएसडीसी उन उम्मीदवारों को मोबिलाइज़ भी करेगा जो आईआईटी मंडी द्वारा पेश किए जा रहे ट्रेनिंग कोर्सेंज़ का लाभ उठाने के इच्छुक हैं।

इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए, एनएसडीसी के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफिसर एंड ऑफिसिएटिंग सीईओ वेद मणि तिवारी ने कहा, “जैसा कि हम टेक्नोलॉजी पॉवर्ड ग्रोथ की ओर आगे बढ़ रहे हैं, हमारे पास दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए एक हाई-क्वालिटी स्किल्ड वर्कफोर्स का निर्माण करने का बड़ा अवसर है। कोविड-19 महामारी ने पारंपरिक ट्रेडिशनल जॉबरोल्स के मेकेनिज़्म को मजबूत करते हुए न्यू एज स्किल्स विकसित करने की आवश्यकता को भी तेज कर दिया है। इसलिए, शैक्षिक संस्थानों और उद्योग के लिए एक हॉलिस्टिक ईकोसिस्टम को सक्षम करने के लिए एक साथ आना अनिवार्य है जहां भारत के युवाओं के पास संसाधनों तक पहुंच हो और सही अवसरों के लिए मार्ग प्रशस्त हो। आईआईटी मंडी के साथ हमारी साझेदारी भारत के यंग माइन्ड्स को मौजूदा कारोबारी माहौल में प्रासंगिक बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आईआईटी मंडी ने खुद को साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित किया है और इस प्रोग्राम के तहत तैयार किया जाने वाला डायनामिक करिकुलम डिजिटल फ्यूचर के लिए भारतीय प्रतिभा को तैयार करेगा”।

आईआईटी मंडी के डायरेक्टर प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आईआईटी मंडी ने एनएसडीसी के सहयोग से वंचित युवाओं और लर्निंग प्रोफेशनल्स को हाई-एंड स्किल्स देने के लिए एक लंबी यात्रा शुरू की है। इमर्सिव हैंड्स-ऑन एक्सपीरिएंस के लिए एक यूनीक फैसेलिटी स्थापित करने के लिए आईआईटी मंडी कैम्पस में एक संयुक्त पहल शुरु की जा रही है जो उद्यमशीलता के साथ-साथ उभरती टेक्नोलॉजी में कौशल को बढ़ावा देगी।

एक प्रमुख संस्थान के रूप में, आईआईटी मंडी टार्गेटेड कैन्डीडेट प्रोफाइल के लिए डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल के डिजाइन और डिलीवरी की सुविधा प्रदान करेगा। संस्थान लाइव कक्षाओं के क्वालिटी इम्पलीमेटेशन में एक मजबूत फ्रेमवर्क के द्वारा शामिल होगा। संस्थान देश में शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में शिक्षकों सहित जमीनी स्तर के लीडर्स के क्षमता निर्माण में भी योगदान देगा।

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