Tuesday, May 13, 2025
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HomeUttar PradeshBarabankiअब भू माफियाओ के निशाने पर गरीबों का अस्पताल !

अब भू माफियाओ के निशाने पर गरीबों का अस्पताल !

Now the hospital of the poor on the target of land mafia!

 

आदिल तन्हा (अवधनामा संवाददाता)

 नपा परिषद की करोडों की संपत्ति डकार गये भू माफिया
 अब सफेदपोश व जनप्रतिनिधि भी इस खेल में शामिल 
बाराबंकी (Barabanki)। संलिप्तता अंदरूनी गठजोड़ अनदेखी उपेक्षा और घोर लापरवाही के चलते करोडों की संपत्ति भू माफियाओ की भेंट चढ़ा चुके नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार अभी रुके व थके नहीं हैं। और फिर माफियाओं के हौसले बुलंद क्यों न हों जब उन्हें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का वरदहस्त भी हासिल है। हुक्म व इशारा ऊपर से होता और मुनाफे के हिस्सेदार सब बन जाते हैं। अब तो यह खेल और दायरा बढा चुका क्योकि सीमा विस्तार जो हो गया है। खैर प्रापर्टी डीलर बनने का खेल जारी है और गरीबों का अस्पताल भी निशाने पर आ गया है। सूत्रों की मानें तो अंदर ही अंदर इस भवन व जमीन का सौदा करने का षड्यंत्र जारी है।
नगर पालिका परिषद क्षेत्र का पुराना वास्तविक नक्शा उठाकर देख लिया जाये तो उसकी संपत्तियों के गायब होते वजूद का पता अपने आप चल जायेगा। बीते दो दशक में बड़ी ही तेजी से परिषद की संपत्तियों खासकर भवन व जमीनों का क्षरण हुआ है। अधिकांश संपत्ति भू माफियाओ के हिस्से जा चुकी हैं। सबसे बड़ा प्रमाण शहर के मध्य में स्थित लेडी सीएमएस बंगला है। मिलीभगत का ही नतीजा रहा कि वास्तविक जमीन अपना वजूद खो चुकी और माफियाओं ने मनमानी कर तस्वीर बदल डाली। इस संपत्ति का मुकदमा आज भी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और इस मामले में परिषद की पैरवी भी ऐसी रही जैसे उसकी मर्जी शामिल हो। खैर  नगर पालिका परिषद अब इस बेशकीमती जमीन से हाथ धो चुकी है। इसके बाद एक नहीं बल्कि दर्जनो मामले इसकी संपत्तियों के हैं। जहां परिषद के जिम्मेदारों ने खुली आँखों से अपनी ही जमीनों पर अवैध कब्जा होते देखा पर उफ तक नहीं की। इसी तरह धनोखर चौराहा स्थित मंदिर के पीछे तालाब भी सिकुड चुका है। लोगों के अवैध कब्जे स्थायी हो गये और तालाब का क्षेत्र सिमट गया। कंपनीबाग स्थित आवासीय कालोनी में बने कुछ घरों का भी सौदा हो चुका है। पुलिस लाइन चौराहा स्थित मैरिज लान का ऊपरी भाग जर्जर और अवैध कब्जे की चपेट में है। हैरत की बात तो यह है कि परिषद की संपत्तियों को सरेआम कौड़ियों के भाव नीलाम कर यहां के कुछ बदनाम चेहरे सेवा भार से मुक्त हो चुके पर परिषद के जनप्रतिनिधियों को यह खेल रास आ गया। यूं ही नहीं भाजपा कार्यालय के निकट स्थित पंप हाउस मिठाई बेचने वालों के हाथ गिफ्ट हो गया। परिषद की तमाम जमीनों पर अवैध कब्जे स्थायी हो चुके हैं। विरोध या कार्रवाई की नौबत सिर्फ इसलिए नहीं आई क्योकि जब मिलीभगत हो तब विरोध कैसा।
अब एक और भवन भू माफियाओ के निशाने पर आ गया है और वह है पीरबटावन मोहल्ला में ईदगाह से सट्टीबाजार जाने वाले मार्ग के मध्य स्थित गरीबों का अस्पताल। दशक पूर्व यहां बैठकर सरकारी डाक्टर गरीब मरीजों का इलाज करते थे। बंद होने के बाद पुनः इसे चालू किया गया पर इस बार यह सेवा कुछ माह ही चल सकी। फिलहाल इस भवन को नगर परिषद ने जर्जर व निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया है। इस भवन का कोई और उपयोग होगा यह तो नहीं पता। लेकिन सूत्रों की मानें तो भू माफियाओ की नजरें इस संपत्ति पर गड गई हैं। संभवतः इसीलिये इस भवन का कोई उपयोग तय नहीं किया जा रहा है। इस पर काली नजर गडाने वालों में कुछ सफेदपोश भी हैं और चंद जनप्रतिनिधि भी। जो बड़े ही सुनियोजित तरीके से इस भवन की बोली लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि यह भवन बचाने परिषद आगे आती है या फिर भू माफियाओ का गठजोड़ एक बार पुनः कामयाब होगा।
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