नई दिल्ली (New Delhi) अभिनेता फरहान अख्तर फिल्म ‘तूफान’ में मुक्केबाज के किरदार में हैं। ये फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है। इससे पहले वो फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ में फ्लाइंग सिख नाम से प्रख्यात स्वर्गीय एथलीट मिल्खा सिंह के जीवन को पर्दे पर निभा चुके हैं। अभिनय के अलावा निर्देशन, लेखन और गायन में सक्रिय फरहान बता रहे हैं फिल्म में किरदार, उसकी तैयारियों और जिंदगी से जुड़ी बातें…
फरहान कहते हैं, ‘अलग-अलग रोल के लिए शारीरिक तैयारी की अलग-अलग डिमांड होती है। मेरी पिछली फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ में भले ही फिजिकल डिमांड कम रही हो, लेकिन उसमें इमोशनल चैलेंज काफी थे। ‘तूफान’ के लिए मैं अपनी तैयारी सिर्फ इतना चाहता था कि अगर बॉक्सिंग या उसकी दुनिया से जुड़ा कोई शख्स मुझे स्क्रीन पर देखे तो उन्हें लगे कि मैं एक बॉक्सर को स्क्रीन पर ठीक से निभा पा रहा हूं। सच कहूं तो जो भी काम होता है, वह आपके दिमाग में ही होता है। हर किरदार के लिए सबसे पहले आपको अपने दिमाग को तैयार करना पड़ता है। स्क्रीन पर दर्शक जो देखते हैं, वह कलाकार के दिमाग में चल रही गतिविधियों का फिजिकल रिप्रजेंटेशन होता है। इसलिए सबसे ज्यादा मेहनत अपने दिमाग को मजबूत बनाने में होती है।’
फरहान के मुताबिक, खेल जीवन में असफलताओं को भूलकर आगे बढऩा सिखाता है। वह कहते हैं, ‘हम सभी ने कभी न कभी अपनी जिंदगी में असफलता महसूस की है। यह तो जीवन का हिस्सा है। मैंने सिर्फ यही सीखा है कि हार हो या जीत, हर चीज को खुशी-खुशी स्वीकार करें। जीत का जश्न विनम्रता से मनाएं और हार का बोझ इतना मत लें कि फिर कभी आप उठकर आगे ना बढ़ सकें। जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहना, कुछ न कुछ सीखते रहना और खुद को लगातार नई चुनौतियां देना जरूरी है।’
कई बार किरदारों से निकलना कलाकारों के लिए आसान नहीं होता है। फरहान के लिए भी अपने किरदार से निकलना मुश्किल होता है। वह कहते हैं, ‘कभी-कभी किरदार आपके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाते हैं। जिसे आप आसानी से छोड़ नहीं सकते हैं। फिल्म ‘रॉक ऑन’ ने मेरी जिंदगी में म्यूजिक को फिर से जोड़ा। उसी की वजह से मैंने अपना बैंड बनाया और कई देशों और कालेजों में जाकर परफार्म किया। बिना ‘रॉक ऑन’ के मुझे यह एहसास ही नहीं होता कि म्यूजिक मेरे जीवन में कितना अहम है। फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ करने के दौरान मिल्खा सिंह जी और उनकी कहानी से मैंने बहुत कुछ सीखा है।
साल 2011 में रिलीज फिल्म ‘डॉन 2’ के बाद से निर्देशक की कुर्सी से दूर रहे फरहान अपनी अगली फिल्म पर कहते हैं, ‘आने वाले दिनों में मैं एक फिल्म निर्देशित करने वाला हूं। निर्देशन और लेखन मेरी जिंदगी का एक बहुत अहम हिस्सा है, वह मैं करता रहूंगा। जब मैं फिल्म में एक्टिंग कर रहा होता हूं तो निर्देशक के काम में दखल नहीं देता हूं। बतौर अभिनेता मुझे उनके नजरिए, सहारे और भरोसे की जरूरत होती है। मैं अपने निर्देशक को उतना ही सम्मान देने की कोशिश करता हूं, जितना मैं बतौर निर्देशक अपने कलाकारों से चाहता हूं।’
‘तूफान’ को लेकर इंटरनेट मीडिया की गई नकारात्मक टिप्पणियों पर फरहान कहते हैं, ‘ऐसे लोगों की सोच उनको मुबारक। अगर कोई मेरी तरफ नकारात्मकता भेजता है तो मैं उसे अपना ईंधन बना लेता हूं और फिर अपने अंदर की आग में डाल देता हूं, ताकि और बेहतर काम कर सकूं।’ टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे खिलाडिय़ों से फरहान का कहना है, ‘ओलंपिक में परफॉर्म करना ही एक बड़ी उपलब्धि है। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं और उम्मीद करता हूं कि हमारे देश के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा मेडल लेकर आएंगे। खेल के परिणाम जो भी हों, ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने पर ही हमें आप पर गर्व है।’