Apprenticeship Stipend Increase केंद्र सरकार कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रमों को और आकर्षक बनाने का प्रयास कर रही है। सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल ने पीएम-नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत स्टाइपेंड में 30% वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इससे मासिक स्टाइपेंड 5000-9000 रुपये से बढ़कर 6800-12300 रुपये हो जाएगा।
कौशल विकास को और अधिक रोजगारपरक बनाने के लिए केंद्र सरकार अपने प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) कार्यक्रमों को और लाभदायक-आकर्षक स्वरूप देने का प्रयास कर रही है। इसी दिशा में सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल (सीएसी) ने पीएम-नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड में 30 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जिसे कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय स्वीकृति के लिए केंद्रीय कैबिनेट को भेजेगा।
केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद की 38वीं बैठक सोमवार को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुई। इसमें परिषद के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि अप्रेंटिसशिप में ड्रापआउट दर को कम करने और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक उम्मीदवारों को आकर्षित करने के लिए स्टाइपेंड को बढ़ाया जाना चाहिए।
केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा प्रस्ताव
विस्तृत चर्चा के बाद इस पर सहमति बन गई कि प्रशिक्षुओं का वजीफा यानी स्टाइपेंड 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए। इस तरह मासिक स्टाइपेंड सीमा 5000-9000 रुपये से बढ़कर 6800-12300 रुपये हो जाएगी। स्टाइपेंड वृद्धि को जुलाई में वेतन वृद्धि चक्र के साथ इसे जोड़ते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में परिवर्तनों के आधार पर द्विवार्षिक रूप से स्वचालित रूप से समायोजित करने का प्रस्ताव है। तय हुआ कि इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा।
अप्रेंटिसशिप की प्रक्रिया आसान
इसके अलावा डिग्री पाठ्यक्रम के साथ आन द जाब ट्रे¨नग को शामिल किया जा रहा है। सरकार प्रशिक्षुता एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी) पर जोर दे रही है, ताकि छात्र व्यावहारिक कार्य अनुभव प्राप्त करते हुए डिग्री हासिल कर सकें। अपनी पढ़ाई को प्रभावित किए बिना अभ्यर्थी प्रशिक्षुता भी कर सकें, इसके लिए नियोक्ता आनलाइन-वर्चुअल अप्रेंटिसशिप की सुविधा भी देंगे। परिषद का मानना है कि इससे कंपनियों और प्रशिक्षुओं, दोनों के लिए अप्रेंटिसशिप की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
पुरानी सूची को भी अपडेट किया गया
अप्रेंटिसशिप के लिए वर्तमान आवश्कता को देखते हुए 1987 की पुरानी सूची को भी अपडेट करते हुए इसमें आइटी, दूरसंचार, जैव प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र शामिल करने का निर्णय हुआ है। एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) पाठ्यक्रम और प्रशिक्षुता प्रशिक्षण को एक साथ अधिसूचित करना शामिल था।
बीमा कवरेज की आवश्यकता पर भी चर्चा
उम्मीदवारों को अधिक सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से अनुबंध अवधि के दौरान प्रशिक्षुओं के लिए बीमा कवरेज की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। पीएम-एनएपीएस और एनएटीएस के एकीकरण के साथ ही नए क्षेत्रीय बोर्ड स्थापित करने पर सहमति बनी। सीएसी के निर्णयों के अलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि जुलाई में एक लाख से अधिक युवाओं को एआइ में प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम लांच किया जाएगा।