अवधनामा संवाददाता
सेवता/सीतापुर। ग्रामीण इलाके में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। इस मंशा को लेकर सरकार ने ग्रामीण इलाकों में एएनएम सेंटर बनाए थे। लेकिन इनकों बनाने के बाद जिम्मेदार शायद इन्हें भूल ही गए। शायद यही वजह है कि एएनएम सेंटर का भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।
ऐसा ही हाल विकास खंड रेउसा के कस्बा सेवता मंे देखने को मिल रहा है। यहां भी लाखों रुपये खर्च कर दस वर्ष पूर्व एएनएम सेंटर बनाया गया। जब यह सेंटर बना तो क्षेत्र के लोगों को उम्मीद जगी कि, अब ईलाज के लिए उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन क्षेत्र के बाशिंदों की उम्मीदों को झटका उस वक्त लगा, जब इस संेटर को जिम्मेदार भूल ही गए। क्षेत्र के बाशिंदों का कहना है कि इस इमारत पर सरकार ने फिजूल में बजट खर्च दिया। क्षेत्र के सेवता निवासी ग्रामीण कौशलेन्द्र, जीवन लाल, लवकुश, जगदीश आदि बताते है कि जब से यह एएनम सेन्टर बना, तब से एक बार भी इस इमारत में कोई बैठा ही नहीं, ईलाज मिलना तो दूर की बात है। ग्राम सभा सेवता की ही 18 हजार आवादी है, इसके अलावा पडोस के दर्जनो गांव इस एनम सेन्टर के चलने से लाभान्वित हो सकते थे, लेकिन विभागी लापरवाही से क्षेत्र कें लोगों को दस किलो मीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेउसा जाना पड़ता है। जिससे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दस वर्ष से इस भवन में किसी ने बैठने और देखभाल न किए जाने से यह भवन जर्जर होता चला गया। न तो रंग रोंगन किया गया और न ही साफ सफाई, हर तरफ बस बदहाली ही नजर आती है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि आखिर न जाने कब जिम्मेदारों को उसकी सुधि आएगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेउसा के अधीक्षक डाक्टर अनूप पाण्डेयं ने बताया कि नया बजट आने पर भवन की मरम्मत की जाएगी।