अवधनामा संवाददाता
मुनि श्री ने कहा बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले न भीख
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने कहा बन मांगे मोती मिले मांगे मिले न भीख। मांगने से शक्ति का हृास होता है, गुरू पूज्य बताते हुए उन्होने कहा अगर उनके सामने भीख मांगनी पडे तो तुम भक्त नहीं। अगर भगवान के सामने मांगने की प्रवृत्ति रखोगे तो सदैव भिखारी ही रहोगे। कृष्ण सुदामा का चरित्र बताते हुए उन्होने कहा सुदामा ने भगवान से कुछ नहीं मांगा लेकिन सब कुछ मिला। मुनि श्री ने कहा मांगने का त्याग करो ऐसी शक्ति जागृत होगी कि तुम्हें किसी का सहारा नहीं लेना पडेगी। स्वशक्ति जागरण को श्रेयस्कर बताते हुए मुनि श्री ने कहा जिसदिन आत्मा की शक्ति जागृत हुई दुनिया तुम्हारी शरण में होगी। मुनिश्री ने दान को श्रेयस्कर बताते हुए कहा यह विना मांगे मिलता है और भीख मांगनी पडती है मांगकर वहू को लाना निकृष्ठ कर्म है। कुछ पाने की लालसा से संबंध नहीं बनाने की प्रेरणा देते हुए उन्होने कहा किसी तिर्यन्च पशु से मांगने की लालसा नहीं रखना वरन कुछ देने के भाव रखना। क्षेत्रपाल मंदिर मूलनायक वेदिका पर अभिषेक की मांगलिक क्रियाएं हुई इसके उपरान्त शान्तिधारा मुनिश्री के मुखारविन्द से हुई जिसका पुण्र्याजन शिखरचंद सुरेन्द्र कुमार लोकेश सर्राफ को मिला। मुनिश्री सुधासागर महाराज की आहार चर्या राजकुमार जैन, नगर गौरव पूज्य सागर महाराज की आहार चर्या विजय जैन, प्रकाश जैन, ऐलक धैर्य सागर महाराज की आहार चर्या सुनीता चेतन जैन एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज की आहारचर्या व्र.सविता दीदी परिवार मेे हुई। सायंकाल जिज्ञासा समाधान में मुनि सुधासागर महाराज श्रावकों की जिज्ञासा का समाधान कर रहे है। मुनि सुधासागर महाराज एवं मुनि पूज्यसागर महाराज अपने संघस्थ एलक धैर्यसागर महाराज एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज के ललितपुर चातुर्मास में दर्शनार्थ धर्मालुजनों के पहुचने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
शिक्षा को बेहतरी के लिए मुनि श्री का आर्शीवाद
मुनिश्री सुधासागर महाराज ने शिक्षा को बेहतरी के लिए आर्शीवाद देते हुए कहा ज्ञानदान से बडा दूसरा दान नहीं हैं। निर्यापक मुनिश्री एवं मुनि पूज्य सागर महाराज नगर के तालाबपुरा में संचालित सुधासागर कन्या इण्टर कालेज पहुंचने पर पदाधिकारियों ने अगुवाई की। पंचायत कमेटी ने मुनिश्री से भविष्य के लिए मार्गदर्शन लिया। मुनिश्री ने इसके पूर्व डोंडाघाट जैन मंदिर में दर्शन किए जहां मुनि श्री का पादप्रक्षालन कर आरती उतारी गई।
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