डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। बुधवार रात क्षेत्र के हल्लौर स्थित इमामबारगाह हुसैनिया फ़हम में अंजुमन गुंचा मातम की जानिब से गैर तरही शब्बेदारी का आयोजन किया गया जिसमें मुझे मुकामी अंजुमन गुंचा मातम की जानिब से सीतापुर से आये अंजार सीतापुरी ने अपने विशेष अंदाज़ में नौहा पेश किया। इस दौरान भारी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे। शब्बेदारी का संचालन बेताब व अज़ीम हल्लौरी ने किया।
शब्बेदारी की शुरुआत माहताब हैदर काका द्वारा तिलावते कलाम पाक से हुआ। ततपश्चात मशहूर मरसिया ख्वा शाहिद आलम व हमनवा ने मरसिया पेश किया। मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर ने संबोधित करते हुए कहा कि फरशे अज़ा सिर्फ रोना ही नही सिखाती बल्कि यहाँ से इल्म निकलता है। अपनी जानिब से ज़िक्रे आले मुहम्मद, ज़िक्रे इमाम हुसैन अपनी जानिब से नही करते। जो अल्लाह ने कहा जो रसूल ने कहा जो क़ुरआन ने कहा उसी को हम पेश करते है यही अज़ादारी का मकसद है।
ज़ाकिर ने आगे कहा कि हमारे बनाये हुए मसौदे नही हैं हमारी बनाई हुई बाते नही है बल्कि जो अल्लाह का हुक्म है जो रसूल का हुक्म है जो इमाम अली का हुक्म है उसको हम फॉलो करते है और वही बातें हम मजलिसों में बयान करते है। अंत मे शहज़ादी ज़ैनब स अ के मसाएब बयान किया तो लोग रोने लगे।
मजलिस के बाद अंजुमन फरोग मातम रजि० की जानिब से फजल अहमद, रजा, अदनान व सादिक मुंबई ने अपने अपने अंदाज में नौहा पढ़ा जिस पर मौजूद अकीदतमंदों ने सीनाजनी किया। इसके बाद अंजुमन अब्बासिया दहियावर और अकबरपुर ने अपने अंदाज में नौहा पढ़ा जिस पर अकीदतमंदों ने सीनाजनी किया अंत मे अंजुमन गुलदस्ता मातम रजि० की जानिब से मीर शारिब शीज़न, नफीस हैदर, कामयाब बब्लू व मोहम्मद हैदर शब्लू व हमनवा ने दर्दभरा नौहा पढ़ा जिस पर अंजुमन के मातमदारों ने भरपूर मातम किया। अंत मे शब्बेदारी के सदर मेंहदी हैदर फूलदार, सिकरेट्री ज़मानत अब्बास हनी ने आये हुए लोगों का शुक्रिया अदा किया।